21 जनवरी 2025 को SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बताया कि बाजार नियामक ‘when-listed’ सिक्योरिटीज़ को लिस्टिंग से पहले एक्सचेंज पर ट्रेडिंग की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। यह पहल निवेशकों को IPO के तहत आवंटित शेयरों को आधिकारिक लिस्टिंग से पहले ट्रेड करने का अवसर प्रदान करेगी।
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‘When-listed’ सिक्योरिटीज़ उन शेयरों को कहते हैं जो IPO के दौरान निवेशकों को आवंटित किए जाते हैं लेकिन अभी तक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध नहीं होते। वर्तमान में, इश्यू बंद होने और लिस्टिंग के बीच तीन दिन का अंतराल होता है, जिसमें असंगठित ट्रेडिंग होती है।
माधबी पुरी बुच ने जोर दिया कि यदि निवेशक इस अवधि में ट्रेड करना चाहते हैं, तो इसे एक विनियमित ढांचे के तहत किया जाना चाहिए। यह कदम असंगठित ट्रेडिंग को कम करने और शुरुआती लेनदेन के लिए एक वैध मंच प्रदान करने के उद्देश्य से है।
यह तंत्र निवेशकों के डीमैट खातों में शेयर क्रेडिट होने और औपचारिक लिस्टिंग के बीच शेयरों की ट्रेडिंग की अनुमति देगा। इस नई पहल से तरलता बढ़ने और बाजार की कार्यक्षमता में सुधार होने की उम्मीद है।
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2024 में भारत ने IPO में तेजी देखी, जहां 91 कंपनियों ने ₹1.6 ट्रिलियन का रिकॉर्ड फंड जुटाया। इस नियामक बदलाव के जरिए SEBI का लक्ष्य मजबूत ट्रेडिंग प्रथाओं को बढ़ावा देना और भारत के पूंजी बाजार के बढ़ते पारिस्थितिकी तंत्र को और विकसित करना है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी समय के साथ बदल सकती है। उल्लिखित प्रतिभूतियां केवल उदाहरण के लिए हैं और इसे निवेश की सिफारिश न समझें।