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Defence stocks में उछाल: भारत की सेना को मिला ₹80,000 करोड़ का समर्थन, जानें कैसे!

Defence stocks: HAL और BDL समेत रक्षा शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जब कैबिनेट सुरक्षा समिति ने 31 Predator ड्रोन और दो न्यूक्लियर पनडुब्बियों के लिए ₹80,000 करोड़ की मंजूरी दी। इससे भारत की सैन्य क्षमताओं में वृद्धि होगी।
Defence stocks में उछाल: भारत की सेना को मिला ₹80,000 करोड़ का समर्थन, जानें कैसे!

Defence stocks:, Hindustan Aeronautics Limited (HAL) और Bharat Dynamics Limited (BDL) समेत रक्षा शेयरों में बढ़त देखी गई, जब कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने 31 Predator ड्रोन और दो न्यूक्लियर पनडुब्बियों के लिए ₹80,000 करोड़ के सौदों को मंजूरी दी। इस फैसले से भारत की सैन्य क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार होगा। 

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CCS ने USA से 31 Predator ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी है, जिसमें नौसेना के लिए 15 SeaGuardian ड्रोन और थल सेना और भारतीय वायु सेना के लिए आठ-आठ SkyGuardian ड्रोन शामिल हैं। यह खरीद भारत की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। 

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ड्रोन के अलावा, CCS ने विशाखापत्तनम के शिप बिल्डिंग सेंटर में दो न्यूक्लियर पावर अटैक पनडुब्बियों के निर्माण को भी हरी झंडी दी है, जिसकी अनुमानित लागत ₹45,000 करोड़ है। इस पहल का उद्देश्य भारतीय महासागर क्षेत्र में देश की नौसैनिक शक्ति और संचालन क्षमता को बढ़ाना है। 

भारतीय नौसेना द्वारा न्यूक्लियर-समर्थित पनडुब्बियों की खरीद से इसकी संचालन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है। इस उन्नत पनडुब्बियों के निर्माण में निजी क्षेत्र की कंपनियां, जैसे Larsen and Toubro (L&T), प्रमुख भूमिका निभाएंगी, जो रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देती है। 

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MQ-9B “hunter-killer” ड्रोन की खरीद, जिसकी कुल लागत लगभग $3.1 बिलियन है, अमेरिकी रक्षा कंपनी General Atomics से विदेशी सैन्य बिक्री मार्ग के तहत की जा रही है। इस सौदे को 31 अक्टूबर से पहले अंतिम रूप देने की आवश्यकता है, ताकि अमेरिकी प्रस्ताव की वैधता बनी रहे।

सुबह 9:47 बजे, HAL, BDL, Bharat Electronics और अन्य रक्षा से जुड़े कंपनियों के शेयर 3% तक ऊपर कारोबार कर रहे थे। ये लॉन्ग-एंड्योरेंस ड्रोन चीन के साथ नियंत्रण रेखा पर निगरानी बढ़ाएंगे और समुद्री निगरानी तथा पनडुब्बी रोधी युद्ध जैसी विभिन्न भूमिकाएं निभा सकते हैं।

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