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Economic Survey 2024: IPOs में 66% की वृद्धि हुई, ₹67,995 करोड़ जुटाए गए

Economic Survey और Union Budget 2024 के अनुसार, FY24 में भारतीय पूंजी बाजारों ने 66% IPO वृद्धि और SME गतिविधि में उछाल के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वैश्विक जोखिमों के बावजूद, ₹67,995 करोड़ जुटाए गए और कॉर्पोरेट बॉन्ड जारी करने में वृद्धि हुई, जो मजबूत आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।

Economic Survey 2023-24 और Union Budget 2024 में भारतीय पूंजी बाजारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रकाश डाला गया। Economic Survey के अनुसार, FY 2024 में IPO की संख्या में 66% की वृद्धि हुई, जो FY 2023 में 164 से बढ़कर 272 हो गई, जबकि जुटाई गई राशि 24% बढ़कर ₹67,995 करोड़ हो गई। भू-राजनीतिक जोखिमों और अस्थिर वस्तु मूल्यों जैसी चुनौतियों के बावजूद, भारतीय पूंजी बाजार मजबूत आर्थिक स्थिति को दर्शाते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

Union Budget 2024 में पूंजी निर्माण और SME क्षेत्र के विकास पर जोर दिया गया। Economic Survey के अनुसार, प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटलीकरण से प्रेरित पूंजी निर्माण ने भारत की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। FY 2024 में, प्राथमिक बाजारों ने ₹10.9 लाख करोड़ का प्रभावशाली पूंजी निर्माण सुविधा प्रदान की, जो कुल सकल स्थिर पूंजी निर्माण का 29% था।

Union Budget 2024 में SME प्लेटफार्मों पर गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात कही गई। Economic Survey के मुताबिक, FY 2024 में SME प्लेटफार्मों पर गतिविधि तेज हुई, जिसमें SMEs के IPOs और FPOs 1.6 गुना बढ़कर 196 हो गए। इस गतिविधि से फंड जुटाने की राशि FY 2023 में ₹2,333 करोड़ से दोगुनी से अधिक बढ़कर FY 2024 में ₹6,095 करोड़ हो गई।

E&Y ग्लोबल IPO ट्रेंड्स रिपोर्ट के हवाले से Economic Survey में कहा गया है कि भारतीय एक्सचेंजों ने 2023 में IPO लिस्टिंग में वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थान हासिल किया और बाजार हिस्सेदारी का 17% हिस्सा लिया। यह 2021 में 6% और 2022 में 11% से काफी वृद्धि को दर्शाता है, जो भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार के मजबूत होने का उल्लेख Union Budget 2024 में किया गया। Economic Survey के अनुसार, FY 2024 में भारत में कॉर्पोरेट ऋण बाजार मजबूत होता रहा, जिसमें कॉर्पोरेट बॉन्ड जारी करने की राशि ₹8.6 लाख करोड़ तक पहुंच गई। कॉर्पोरेट बॉन्ड पब्लिक इश्यू रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गए, जिसमें चार वर्षों में सर्वाधिक ₹19,167 करोड़ जुटाए गए। यह मजबूत निवेशक मांग और पारंपरिक बैंक उधार से बदलाव को दर्शाता है।

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