डालाल स्ट्रीट पर बाजार में भारी गिरावट आई है, जिसमें सेंसेक्स लगभग 4,000 अंक गिरकर ₹16 लाख करोड़ का नुकसान कर चुका है। ईरान-इजराइल संघर्ष और चीन के प्रोत्साहन पैकेज का दोहरा प्रभाव भारतीय शेयर बाजार में मजबूत मंदी की भावना को जन्म दे रहा है।
दिन के दूसरे हिस्से में सेंसेक्स की गिरावट तेज हुई, जब इंडेक्स 800 अंक से अधिक गिर गया, जबकि निफ्टी लगभग 1% गिरकर 25,000 के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर को परीक्षण कर रहा है। गर्म बाजार में उच्च वैल्यूएशन ने पहले ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को चिंतित कर दिया था, जिससे चीन की ओर फंड का बहिर्वाह हुआ।
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ईरान की मिसाइल हमले के जवाब में इजराइल पर हमलों ने निवेशकों की सतर्कता को और बढ़ा दिया है। पिछले चार सत्रों में एफआईआई ने भारतीय बाजारों से लगभग ₹32,000 करोड़ निकाले हैं, जिसमें एक दिन में रिकॉर्ड ₹15,243 करोड़ की निकासी हुई, जिससे सेंसेक्स की गिरावट और बढ़ गई।
चीन के प्रोत्साहन ने भी भारत से निवेश के स्थानांतरण को तेज किया है, क्योंकि वैश्विक धन प्रबंधक एशियाई बाजारों में अपनी स्थिति कम कर रहे हैं। निफ्टी ने गुरुवार के सत्र को 20-दिन के ईएमए से नीचे समाप्त किया, जो सेंसेक्स की गिरावट के बाद मंदी के रुझान का संकेत देता है।
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हालांकि, घरेलू निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड और पीएमएस फंड बाजार में गिरावट का लाभ उठाने के लिए नकद जमा कर रहे हैं। जैसे-जैसे Q2 की कमाई का सीजन और विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, बाजार पर ध्यान केंद्रित रहेगा।