भारतीय ऑटो शेयर हालिया बाजार बिकवाली से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जिसका कारण ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव हैं। इसके अलावा, सितंबर में ऑटो बिक्री में गिरावट और वैश्विक कार निर्माताओं के कमजोर दृष्टिकोण ने भी दबाव बढ़ाया है। नतीजतन, निफ्टी ऑटो इंडेक्स लगातार पांचवें सत्र में 1.50% गिरकर 25,544 पर आ गया, जो 27 सितंबर को अपने 27,696 के शिखर से 7.7% की गिरावट को दर्शाता है।
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इस अवधि में TVS के शेयर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले रहे, जिसमें 11.3% की गिरावट आई, इसके बाद Bajaj Auto और Eicher Motors में 10% की गिरावट आई। Hero MotoCorp और Samvardhana Motherson International के शेयरों में भी तेज गिरावट आई, जो क्रमशः 8% और 10% गिरे। Maruti Suzuki के शेयर 9% गिरे, जबकि Ashok Leyland, MRF, Tata Motors, Bharat Forge, Mahindra & Mahindra और Bosch ने 5% से 10% के बीच नुकसान दर्ज किया।
Federation of Automobile Dealers Association (FADA) के अनुसार, सितंबर में ऑटोमोबाइल बिक्री सालाना आधार पर 9.26% गिर गई, जिसका कारण कमजोर उपभोक्ता मांग है। दोपहिया सेगमेंट में मासिक आधार पर 10% और सालाना आधार पर 8.5% की गिरावट दर्ज की गई, जिसका कारण निम्न उपभोक्ता भावना और मौसमी कारक हैं।
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यात्री वाहन बिक्री में मासिक आधार पर 10.8% और सालाना आधार पर 18.81% की गिरावट आई, जिसमें बढ़ते इन्वेंट्री और बढ़ती छूट के बावजूद बिक्री में सुधार नहीं हुआ। स्टॉक को क्लियर करने में संघर्ष कर रहे निर्माताओं के कारण मुनाफे के मार्जिन घटने की चिंताएं बढ़ रही हैं।
यह मंदी केवल भारत तक सीमित नहीं है, क्योंकि Volkswagen, Mercedes-Benz और BMW जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियों ने भी 2024 के लिए अपनी बिक्री पूर्वानुमान को समायोजित किया है, समान चुनौतियों का हवाला देते हुए।