JSW Steel Q2 Results में समेकित शुद्ध लाभ में 85% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जो ₹404 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह ₹2,773 करोड़ था। यह गिरावट सस्ते आयातित स्टील की अधिकता के कारण हुई है, जिससे घरेलू कीमतों पर दबाव बना और वे तीन साल के निचले स्तर पर आ गईं।
कंपनी को Q2 में राजस्व में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जो 11% घटकर ₹39,684 करोड़ रह गया। इस राजस्व गिरावट का सीधा संबंध बढ़ते स्टील आयात के प्रतिकूल प्रभावों से है, जिससे बाजार कीमतें प्रभावित हुईं।
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इस तिमाही में एक विशेष शुल्क ₹342 करोड़ का था, जो ओडिशा के केओंझर में एक लौह अयस्क खदान के आत्मसमर्पण से जुड़ा हुआ है। इस एकमुश्त खर्च ने तिमाही के शुद्ध लाभ आंकड़ों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
EBITDA मार्जिन ने भी चुनौतीपूर्ण वातावरण को दर्शाया, जो इस साल 13.7% रहा, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 17.7% था और पिछली तिमाही में 12.8% से थोड़ा अधिक था।
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सितंबर की तिमाही में आमतौर पर मानसून के कारण स्टील उद्योग में मंदी देखी जाती है, क्योंकि निर्माण गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं। हालांकि, इस साल यह असर सस्ते स्टील के आयात में वृद्धि, विशेषकर चीन से, के कारण और बढ़ गया।
वर्तमान चुनौतियों के बावजूद, स्टील कंपनियों को उम्मीद है कि चीन द्वारा लागू किए जा रहे नए आर्थिक प्रोत्साहन उपायों से सस्ते आयात का प्रभाव कम हो सकता है, जिससे वैश्विक बाजारों में स्टील की बाढ़ कम हो सकती है।