अप्रत्याशित चुनाव नतीजों के बाद, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रही, निफ्टी का लक्ष्य 24,000 से घटाकर 22,000 कर दिया गया है। हालांकि, लंबे समय तक मंदी की संभावना से इनकार किया गया है, लेकिन अगले 12 महीनों में निफ्टी के लिए शून्य रिटर्न की उम्मीद है।
मॉडल पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिसमें Zomato, Delhivery (मूल्यांकन और कमज़ोर आय संरचना के कारण), Ambuja Cements (उच्च मूल्यांकन), ITC (बजट जोखिम), Motherson Sumi Wiring और ONGC (बाहर निकलने वाली PSU) जैसे स्टॉक को हटा दिया गया है। यह निर्णय मौजूदा बाज़ार स्थितियों में इन स्टॉक के संभावित प्रदर्शन के आकलन को दर्शाता है।
यह माना जा रहा है कि अगले 2-3 सालों में आर्थिक दिशा में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है, लेकिन कुछ संरचनात्मक सुधारों को अब ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। यह दृष्टिकोण भाजपा की पूर्ण बहुमत हासिल करने में असमर्थता पर आधारित है, जो संभावित रूप से सरकार के सुधार एजेंडे को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि निकट भविष्य में इसमें बहुत कम वृद्धि की संभावना है, लेकिन सतर्क दृष्टिकोण और लंबे समय तक मंदी की संभावना से इनकार करने से संकेत मिलता है कि बाजार अपेक्षाकृत स्थिर रहेगा। जब वे इस अनिश्चित समय से निपट रहे होंगे, तो निवेशक ब्रोकरेज द्वारा दी जाने वाली सलाह और बाजार विश्लेषण पर ध्यान देंगे।