GAIL India Q2 results दर्शाते हैं कि कंपनी के शुद्ध लाभ में 10% की बढ़ोतरी के बाद शेयर मूल्य में 7% की वृद्धि हुई है। सितंबर तिमाही के लिए शुद्ध लाभ ₹2,689.67 करोड़ पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में ₹2,442.18 करोड़ था।
लाभ में यह बढ़त मुख्य रूप से गैस ट्रांसमिशन सेगमेंट के कारण हुई, जिसमें प्री-टैक्स अर्निंग्स में 8% की वृद्धि हुई, जो ₹1,402.81 करोड़ तक पहुंची। इसके अलावा, पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ, जिसमें इस साल ₹146.19 करोड़ की कमाई हुई, जबकि पिछले वर्ष इसमें घाटा था।
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वहीं, GAIL के मार्केटिंग डिवीजन में गिरावट देखी गई, जहां अर्निंग्स 27% घटकर ₹1,253.64 करोड़ हो गई। इसके बावजूद, कंपनी का कुल ऑपरेशन्स से राजस्व लगभग स्थिर रहा और ₹33,981.33 करोड़ पर बना रहा।
GAIL ने इस तिमाही में नेचुरल गैस ट्रांसमिशन वॉल्यूम 130.63 MMSCMD और मार्केटिंग वॉल्यूम 96.60 MMSCMD दर्ज किया। LHC और पॉलिमर्स की बिक्री में भी बढ़त देखी गई, जो क्रमशः 253 TMT और 226 TMT तक पहुंची।
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कंपनी ने पूंजीगत व्यय में भी सक्रियता दिखाई, इस तिमाही में मुख्य रूप से पाइपलाइंस और पेट्रोकेमिकल अपग्रेड्स पर ₹1,885 करोड़ खर्च किए। इस व्यय ने वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के लिए कुल कैपेक्स को ₹3,544 करोड़ तक पहुंचा दिया।
एक महारत्न PSU के रूप में, GAIL भारत के प्राकृतिक गैस क्षेत्र में अग्रणी है, जो प्राकृतिक गैस मूल्य श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं को एकीकृत करता है। इसका यह दर्जा भारत के ऊर्जा बुनियादी ढांचे में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।