Hyundai Motor India देश का सबसे बड़ा I PO लॉन्च करने जा रहा है, जिसकी वैल्यू ₹27,870 करोड़ है। हालांकि, यह निश्चित नहीं है कि यह IPO निवेशकों को लाभ देगा या नहीं, लेकिन पिछले बड़े भारतीय IPO का प्रदर्शन मिले-जुले परिणाम दिखाता है।
कई हाई-प्रोफाइल IPO, जैसे Paytm और Reliance Power, ने निवेशकों को निराश किया है क्योंकि ये अपने लिस्टिंग के बाद से ही इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं। GIC और New India Assurance जैसी सरकारी संस्थाएं भी महत्वपूर्ण रिटर्न देने में असफल रही हैं, जिससे कई निवेशकों को नुकसान हुआ है।
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विशेष रूप से, Reliance Power, जिसने 2008 में शुरुआत की थी, अपनी इश्यू प्राइस से 83% तक गिर चुका है। Paytm, जिसकी इश्यू प्राइस ₹2,150 थी, अब लगभग ₹739 प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है, जो लगभग 65% की गिरावट को दर्शाता है और इन निवेशों से जुड़े जोखिम को उजागर करता है।
इसके विपरीत, कुछ IPO सफल साबित हुए हैं। Coal India, जिसने 2010 में ₹15,200 करोड़ जुटाए थे, अब 100% प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है, जो इसकी मजबूत बाजार स्थिति और सरकारी कंपनियों में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
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DLF, जिसने 2007 में ₹9,187 करोड़ का IPO लॉन्च किया था, शुरुआत में रियल एस्टेट बूम के दौरान फला-फूला, लेकिन 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद संघर्ष करने लगा। चुनौतियों के बावजूद, यह एक प्रभावशाली IPO का उदाहरण बना हुआ है।
Zomato का IPO शुरू में इसके घाटे के कारण संदेह के साथ देखा गया था। हालांकि, एक महत्वपूर्ण सुधार के बाद इसका स्टॉक वापस उभरा और अब लगभग ₹280 पर कारोबार कर रहा है, जिससे यह एक सफल निवेश साबित हुआ और IPO बाजार में सुधार की संभावनाओं को दर्शाता है।