भारतीय IPO बाजार 2025 के लिए आशाजनक नजर आ रहा है। 34 कंपनियों को SEBI से मंजूरी मिल चुकी है, जो कुल मिलाकर ₹41,462 करोड़ जुटाने की योजना बना रही हैं। वहीं, 55 कंपनियां मंजूरी का इंतजार कर रही हैं, जो ₹98,672 करोड़ तक का लक्ष्य रखती हैं। कुल मिलाकर, 2025 में IPO बाजार से ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश होने का अनुमान है, भले ही हालिया बाजार में अस्थिरता बनी हुई हो।
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2024 में, भारतीय बाजार ने 75 कंपनियों के जरिए ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक की पूंजी जुटाई, जो 2023 में ₹49,435 करोड़ और 2022 में ₹59,301 करोड़ की तुलना में काफी अधिक है। यह वृद्धि निवेशकों की रुचि में जबरदस्त इजाफे को दर्शाती है और भारतीय स्टॉक बाजार के लिए एक नया मील का पत्थर है।
2025 में कई बड़े नामों के IPO लॉन्च होने की उम्मीद है। Zepto, Flipkart, Indira IVF और HDFC Credila जैसी कंपनियां $1 बिलियन से अधिक की पूंजी जुटाने की तैयारी कर रही हैं। इन कंपनियों के साथ अन्य IPOs भी बाजार में बड़ा निवेश लाने का वादा करते हैं, जिससे बाजार के विस्तार को और गति मिलेगी।
IPO बाजार की यह मजबूती बाजार के बेहतर प्रदर्शन के चलते है। 2024 में Sensex और Nifty लगभग 13% बढ़े हैं, जबकि 2023 में यह बढ़त 20% रही थी। BSE MidCap और BSE SmallCap इंडेक्स ने 2024 में 30% और 2023 में 45% की बढ़त दर्ज की, जो निवेशकों के भरोसे और बाजार के सकारात्मक रुझान को दर्शाता है।
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हालांकि भू-राजनीतिक तनाव और धीमी अर्थव्यवस्था के बावजूद विशेषज्ञ भारतीय IPO बाजार को लेकर आशावादी बने हुए हैं। जहां कुछ कम गुणवत्ता वाले IPO को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, वहीं मजबूत मुनाफे वाली प्रतिष्ठित कंपनियां निवेशकों की रुचि को आकर्षित करेंगी। 2025 में भारतीय IPO बाजार देश की अर्थव्यवस्था के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई कंपनियों की जानकारी समय के साथ बदल सकती है। उल्लिखित प्रतिभूतियाँ केवल उदाहरण के लिए हैं और इनमें निवेश की सिफारिश नहीं की जाती।