जैसे ही Union Budget 2025 का काउंटडाउन शुरू हुआ है, सभी की नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं, जो 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी। विभिन्न क्षेत्रों ने अपनी चिंताओं और अपेक्षाओं को सामने रखा है। इस साल के बजट से मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
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राजकोषीय घाटा और ऋण प्रबंधन:
भारत सरकार FY26 तक GDP के 4.5% के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद कर रही है। इसके बाद, ध्यान ऋण अनुपात के प्रबंधन पर केंद्रित होगा, जिसके लिए नीति-निर्माण और वित्तीय रणनीति की आवश्यकता होगी।
टैक्स रिफॉर्म्स:
नई कर प्रणाली के तहत न्यूनतम कर स्लैब को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने और ₹10 लाख तक की आय वालों को 100% कर छूट देने का प्रस्ताव आ सकता है। यह करदाताओं को राहत प्रदान करेगा।
सिंपलिफाइड टैक्स सिस्टम
भारत के कर सुधारों का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना है, जिससे लोग पुरानी कर प्रणाली से नई प्रणाली में आसानी से बदलाव कर सकें। यह मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के साथ कर अनुपालन को भी प्रोत्साहित करेगा।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर जोर:
इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को FAME योजना जैसे दीर्घकालिक सब्सिडी की उम्मीद है। साथ ही, EV निर्माण संयंत्रों के लिए वित्तीय सहायता और नीति स्थिरता के माध्यम से भारत को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में वैश्विक नेता बनाने के उपाय भी शामिल हो सकते हैं।
रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश:
Union Budget में भारतीय रेलवे को 15-18% अधिक बजटीय समर्थन दिए जाने की संभावना है, जिससे फंड ₹2.9 लाख करोड़ से ₹3 लाख करोड़ तक बढ़ सकता है। साथ ही, नए वंदे भारत ट्रेनों और अमृत भारत स्टेशन योजना के विस्तार से रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण होगा।
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सीनियर लिविंग को समर्थन:
भारत में सीनियर लिविंग बाजार के बढ़ने के साथ, बजट में इस क्षेत्र को समर्थन देने के लिए आसान वित्तीय विकल्प, कम कर और अन्य सुधार शामिल हो सकते हैं।
बाजार की प्रतिक्रिया और वृद्धि:
Union Budget के बाद सेंसेक्स और निफ्टी ने ऐतिहासिक रूप से सकारात्मक प्रदर्शन किया है। 2025-26 का बजट बाजार के अनुकूल नीतियों को लागू करके समान प्रभाव डाल सकता है।
Union Budget 2025-26 विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक निवेश और सुधारों का वादा करता है, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे का विकास, कर राहत और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई कंपनियों की जानकारी समय के साथ बदल सकती है। उद्धृत आंकड़े केवल उदाहरण के लिए हैं और इन्हें सिफारिश के रूप में न समझा जाए।