भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Tata Capital और Tata Motors Finance के विलय को मंजूरी दे दी है, जिससे भारत की 12वीं सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) का निर्माण होगा। यह मंजूरी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की स्वीकृति के बाद आई है।
यह विलय रणनीतिक रूप से व्यावसायिक वाहन और यात्री कार वित्तपोषण के बढ़ते बाजारों का लाभ उठाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। डिजिटल सुधारों की योजना के साथ, Tata Capital ग्राहक सेवा में सुधार और कर्मचारियों के लिए नए विकास के अवसर प्रदान करना चाहता है।
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विलय के शर्तों के तहत, Tata Capital TMFL के शेयरधारकों को शेयर जारी करेगा, जिससे Tata Motors को संयुक्त इकाई में 4.7% हिस्सेदारी मिलेगी। यह कदम Tata की वित्तीय सेवाओं को एक छतरी के नीचे लाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
पिछले पांच वर्षों में Tata Sons ने Tata Capital में ₹6,097 करोड़ का निवेश करके इसे एक खुदरा-केन्द्रित वित्तीय शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। इसके अलावा, Tata Sons Tata AutoComp Systems में Tata Capital से 12.65% अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रहा है, जिससे कंपनी का मूल्यांकन ₹16,800 करोड़ होगा।
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संरचनात्मक पुनर्गठन के अंतिम हिस्से के रूप में, Tata Sons वर्तमान में Tata Capital की 92.83% इक्विटी रखता है, बाकी हिस्सेदारी विभिन्न Tata Group संस्थाओं और ट्रस्टों के पास है। यह पुनर्गठन Tata की अपने संचालन को सुव्यवस्थित करने और अपने पोर्टफोलियो में शेयरधारकों के मूल्य को बढ़ाने की मंशा को दर्शाता है।