2025 में होने वाले शेयर Buyback में Prime Securities Ltd, SIS Limited और Nava Limited जैसी प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं। ये Buyback शेयरधारकों को आकर्षक कीमतों पर अपने शेयर वापस कंपनी को बेचने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे संभावित रूप से तत्काल लाभ और बेहतर वित्तीय अनुपात का लाभ मिल सकता है।
शेयरों की Buyback क्या है?
शेयरों की Buyback वह प्रक्रिया है जिसमें कंपनी अपने ही शेयर बाजार से वापस खरीदती है। इससे शेयरधारकों को नकद मिलता है और कंपनी के शेयरों की संख्या घट जाती है।
भारत में 2025 में Buyback शेयरों की सूची – List Of Buyback Of Shares In India 2025 in Hindi
शेयर Buyback की सूची दर्शाने वाली तालिका यहां दी गई है:
Company Name | Issue Open | Issue Close | Buyback Type | Buyback price (Per Share) | Issue Size – Shares (Cr) |
Prime Securities Ltd | – | – | Tender Offer | 305 | 0.06 |
SIS Limited | – | – | Tender Offer | 404 | 0.37 |
Nava Limited | Mar 06, 2025 | Mar 12, 2025 | Tender Offer | 500 | 0.72 |
Buyback शेयरों का परिचय
Prime Securities Ltd
Prime Securities Ltd एक प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी है जो निवेश बैंकिंग और कॉर्पोरेट वित्त में विशेषज्ञता रखती है। यह कंपनी ग्राहकों को पूंजी बाजार में सलाहकार सेवाएं और फंड जुटाने में सहायता प्रदान करती है, और अपने कुशल संचालन के लिए जानी जाती है।
SIS Limited
SIS Limited सुरक्षा, सुविधा प्रबंधन और नकद लॉजिस्टिक्स सेवाओं की एक अग्रणी प्रदाता कंपनी है। यह कंपनी भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कार्यरत है, और विभिन्न क्षेत्रों के ग्राहकों को एकीकृत समाधान प्रदान करती है। यह अपने संचालन के विस्तार और सेवा की दक्षता के लिए जानी जाती है।
Nava Limited
Nava Limited एक प्रमुख कंपनी है जो विविध क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करती है। यह कंपनी तकनीकी और निर्माण उद्योग में सक्रिय है और नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अपने ग्राहकों को बेहतरीन उत्पाद और समाधान प्रदान करने के लिए जानी जाती है।
Buyback शेयर कैसे काम करता है? How Does The Buyback Of Shares Work in Hindi
Buyback शेयर कारोबार में कंपनी अपने ही शेयरों को खुद से खरीदती है। इससे शेयरधारकों को नकद मिलता है और कंपनी के शेयरों की संख्या कम हो जाती है, जिससे शेयर की कीमत बढ़ सकती है। यह एक वित्तीय रणनीति है जो शेयरधारकों को लाभ पहुंचाती है और कंपनी की मार्केट प्रतिष्ठा में सुधार करती है।
Buyback शेयर के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
शेयरों की Buyback का मतलब है कि कंपनी अपने ही शेयरों को बाजार से वापस खरीदती है। इससे शेयरधारकों को नकद मिलता है और कंपनी की संपत्ति में कमी होती है, जिससे शेयर की मांग बढ़ती है।
निवेशकों को लाभ: निवेशकों को शेयरों को बेचकर नकद मिलता है।
EPS में वृद्धि: प्रति शेयर लाभ (EPS) में वृद्धि होती है।
कीमत में वृद्धि: शेयर की कीमत में वृद्धि होती है, जिससे शेयरधारकों को लाभ होता है।
वित्तीय स्थिति में सुधार: कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।
अनचाहा अधिग्रहण से बचाव: अनचाहा अधिग्रहण से बचाव होता है।
भारत में शेयर Buyback कारोबार में कंपनी अपने ही शेयरों को खरीदती है। यह प्रक्रिया शेयरधारकों को नकद मिलाती है और कंपनी के शेयरों की संख्या को कम करती है, जो शेयर की कीमत में वृद्धि कर सकता है। भारतीय कंपनियों को SEBI के निर्देशों के अनुसार बायबैक प्रक्रिया को नियंत्रित करना होता है।
शेयर Buyback के बाद, शेयर की कीमत में विभिन्नता आ सकती है। इसका प्रभाव बाजार की स्थिति, कंपनी के प्रदर्शन, और निवेशकों के विश्वास पर पड़ता है। कई बार, शेयर की कीमत में वृद्धि होती है, जबकि कभी-कभी यह कम हो सकती है। इसमें निवेशकों के भावनात्मक प्रतिक्रिया का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।
शेयर Buyback के नुकसान:
नकदी की कमी: कंपनी को नकदी की कमी होती है।
प्रतिक्रिया की संभावना: Buyback के परिणाम की वित्तीय परिणाम में प्रतिक्रिया हो सकती है।
कंपनी की छवि पर प्रभाव: बार-बार Buyback करने से निवेशकों की आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। करने से निवेशकों की आत्मविश्वास में कमी आ सकती है।