भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों की सुरक्षा और ऑपरेशनल कुशलता को बढ़ाने के लिए एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत 14 अक्टूबर 2024 से प्रतिभूतियों का भुगतान सीधे निवेशकों के डीमैट खातों में किया जाएगा। यह कदम ब्रोकर के पूल खाते के माध्यम से होने वाली प्रक्रियाओं को समाप्त करेगा और सीधे निवेशकों के खाते में ट्रांसफर सुनिश्चित करेगा।
SEBI का यह निर्णय निवेशकों के प्रतिभूतियों की सुरक्षा को प्रदान करने और ब्रोकर्स द्वारा उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इस नए नियम के अनुसार, सभी क्लियरिंग कॉर्पोरेशन्स को निवेशकों के डीमैट खाते में सीधे प्रतिभूतियों का भुगतान करने की व्यवस्था करनी होगी, और यदि किसी भी प्रकार की कमी होती है, तो उसे नीलामी प्रक्रिया के द्वारा संभालना होगा।
इस बदलाव के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि निवेशकों की प्रतिभूतियों को किसी भी प्रकार के दुरुपयोग से बचाया जा सके और निवेश प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सके। SEBI ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ब्रोकर्स को इस प्रक्रिया में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाए। इससे निवेशकों को उनकी प्रतिभूतियों की सीधी पहुँच और नियंत्रण मिलेगा, जिससे उनकी सुरक्षा में इजाफा होगा और प्रतिभूति बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
साथ ही, SEBI ने क्लियरिंग कॉर्पोरेशन्स को निर्देश दिया है कि वे एक मैकेनिज़्म प्रदान करें जिससे ट्रेडिंग मेंबर्स या क्लियरिंग मेंबर्स अवैतनिक प्रतिभूतियों और मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा के अंतर्गत फंडेड स्टॉक्स की पहचान कर सकें। इस प्रक्रिया के माध्यम से, किसी भी शॉर्टेज की स्थिति में, शेयरों को नीलाम करके उस शॉर्टेज को पूरा किया जा सकेगा, और इस दौरान ब्रोकर्स द्वारा क्लाइंट पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
इस नियम को लागू करने के लिए SEBI ने विस्तृत चर्चाएँ की हैं और विभिन्न हितधारकों जैसे कि स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन्स, डिपॉजिटरीज और ब्रोकर्स के साथ बैठकें की हैं। इन चर्चाओं में, उद्योग के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया औरउनके सुझावों के अनुसार इस नीति को तैयार किया गया। इस प्रकार की व्यवस्था से बाजार में विश्वास और बढ़ेगा और निवेशकों को अपनी प्रतिभूतियों का सीधा नियंत्रण मिलेगा, जिससे वे अधिक सुरक्षित और संतुष्ट महसूस करेंगे।
SEBI के इस कदम का वित्तीय बाजार में व्यापक स्वागत किया गया है, क्योंकि यह निवेशकों के हितों की रक्षा करता है और बाजार में पारदर्शिता लाने के लिए एक मजबूत कदम है। इस नई व्यवस्था के तहत, निवेशक अपनी प्रतिभूतियों को सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें अपने निवेश पर अधिक नियंत्रण और निगरानी की सुविधा होगी।
इस नियम के लागू होने से भारतीय प्रतिभूति बाजार में निवेशकों का विश्वास और मजबूत होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी प्रतिभूतियाँ किसी भी अनुचित उपयोग से मुक्त रहें। इस नीति के तहत लागू होने की तारीख और प्रक्रिया के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए, निवेशक SEBI की आधिकारिक वेबसाइट और संबंधित वित्तीय संस्थानों के पोर्टलों पर सम्पर्क कर सकते हैं। इस प्रकार, यह व्यवस्था न केवल निवेशकों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि पूरे वित्तीय बाजार के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन साबित होगी।