भारत में इंडेक्स फंड्स के प्रमुख प्रकारों में निफ्टी 50 और सेंसेक्स को ट्रैक करने वाले व्यापक-बाजार फंड्स, विशेष क्षेत्रों पर केंद्रित सेक्टोरल फंड्स, और वैश्विक सूचकांकों को ट्रैक करने वाले अंतरराष्ट्रीय फंड्स शामिल हैं। ये फंड्स निवेशकों को विविधीकरण और कम लागत में दीर्घकालिक निवेश का अवसर प्रदान करते हैं ।
Table of Contents
इंडेक्स फंड क्या है? – What is Index Fund In Hindi
इंडेक्स फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो किसी विशेष स्टॉक मार्केट इंडेक्स, जैसे निफ्टी 50 या सेंसेक्स, के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। ये फंड निष्क्रिय रूप से प्रबंधित होते हैं, जिसमें फंड मैनेजर इंडेक्स में शामिल सभी स्टॉक्स में उसी अनुपात में निवेश करते हैं जैसे वे इंडेक्स में होते हैं। इसका उद्देश्य इंडेक्स के समान रिटर्न प्राप्त करना होता है, न कि उसे मात देना। इस रणनीति के कारण, इंडेक्स फंड्स में प्रबंधन शुल्क कम होता है और निवेशकों को विविधीकरण का लाभ मिलता है, जिससे जोखिम कम होता है। citeturn0search8
इंडेक्स फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो कम जोखिम और स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं। ये फंड्स निवेशकों को व्यापक बाजार एक्सपोजर प्रदान करते हैं और उन्हें व्यक्तिगत स्टॉक्स का चयन करने की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, इन फंड्स में ट्रैकिंग एरर की संभावना होती है, जहां फंड का प्रदर्शन इंडेक्स से थोड़ा भिन्न हो सकता है। इसके बावजूद, इंडेक्स फंड्स लंबे समय के निवेश के लिए एक सरल और प्रभावी विकल्प माने जाते हैं। citeturn0search4
इंडेक्स फंड के प्रकार – Types Of Index Funds In Hindi
भारत में इंडेक्स फंड के विभिन्न प्रकार होते हैं जो अलग-अलग सूचकांकों का अनुसरण करते हैं। ये फंड्स निवेशकों को विविधीकरण और निष्क्रिय निवेश रणनीति अपनाने का अवसर देते हैं। नीचे इंडेक्स फंड के प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:
- ब्रॉड मार्केट इंडेक्स फंड्स: ये फंड निफ्टी 50, सेंसेक्स जैसे बड़े सूचकांकों को ट्रैक करते हैं। ये व्यापक बाजार प्रदर्शन दर्शाते हैं और लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
- सेक्टोरल या थीमेटिक इंडेक्स फंड्स: ये किसी विशेष सेक्टर जैसे बैंकिंग, आईटी, फार्मा आदि को ट्रैक करते हैं। जैसे – Nifty Bank Index Fund। इनका प्रदर्शन संबंधित सेक्टर की स्थिति पर निर्भर करता है।
- मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स फंड्स: ये Nifty Midcap 150 या Nifty Smallcap 250 जैसे सूचकांकों का अनुसरण करते हैं। जोखिम ज्यादा होता है, लेकिन रिटर्न की संभावना भी अधिक होती है।
- इंटरनेशनल इंडेक्स फंड्स: ये विदेशी सूचकांकों जैसे S&P 500, Nasdaq-100 को ट्रैक करते हैं। इनसे ग्लोबल एक्सपोजर मिलता है, जिससे पोर्टफोलियो में विविधता आती है।
- ईटीएफ आधारित इंडेक्स फंड्स: ये फंड एक्सचेंज ट्रेडेड होते हैं और शेयर बाजार में रियल टाइम में खरीदे-बेचे जा सकते हैं। ये फंड्स अधिक तरल होते हैं और कम खर्चीले भी।
इंडेक्स फंड कैसे चुनें? – How to Choose Index Fund in Hindi
इंडेक्स फंड चुनते समय निवेशकों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि वे अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार सही फंड का चुनाव कर सकें। नीचे इंडेक्स फंड चुनने की प्रक्रिया को आसान भाषा में समझाया गया है:
- जिस इंडेक्स को ट्रैक करता है उसे समझें: पहले देखें कि फंड कौन-सा इंडेक्स ट्रैक कर रहा है – निफ्टी 50, सेंसेक्स, मिडकैप या इंटरनेशनल। अपने जोखिम सहनशीलता और लक्ष्य के अनुसार सूचकांक चुनें।
- ट्रैकिंग एरर देखें: ट्रैकिंग एरर उस अंतर को दर्शाता है जो फंड और मूल इंडेक्स के प्रदर्शन में होता है। जितनी कम ट्रैकिंग एरर होगी, उतना ही फंड इंडेक्स को सही तरीके से फॉलो करेगा।
- एक्सपेंस रेशियो की तुलना करें: इंडेक्स फंड्स का प्रमुख लाभ कम खर्च होता है। इसलिए, ऐसा फंड चुनें जिसका एक्सपेंस रेशियो सबसे कम हो ताकि आपके रिटर्न पर असर न पड़े।
- फंड का AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट): AUM फंड के कुल निवेश का मूल्य होता है। बड़ा AUM फंड की स्थिरता और लोकप्रियता दिखाता है। लेकिन बहुत अधिक AUM में रिटर्न पर असर भी हो सकता है।
- AMC की विश्वसनीयता और प्रदर्शन इतिहास: उस म्यूचुअल फंड हाउस की विश्वसनीयता जांचें जो फंड चला रहा है। साथ ही पिछले वर्षों में इंडेक्स फंड ने कैसा प्रदर्शन किया है, उसकी तुलना करें।
इंडेक्स फंड कैसे काम करते हैं? – How Index Funds Work in Hindi
इंडेक्स फंड एक निष्क्रिय निवेश रणनीति पर आधारित म्यूचुअल फंड होते हैं, जो किसी विशिष्ट शेयर बाजार सूचकांक (जैसे Nifty 50 या Sensex) की संरचना और प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास करते हैं। इनका उद्देश्य इंडेक्स के अनुरूप रिटर्न देना होता है।
फंड मैनेजर इंडेक्स में शामिल सभी कंपनियों के शेयर उसी अनुपात में खरीदते हैं, जैसे वे इंडेक्स में हैं। उदाहरण के लिए, अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का वेटेज इंडेक्स में 10% है, तो इंडेक्स फंड भी उसी अनुपात में उसमें निवेश करेगा। इससे पोर्टफोलियो इंडेक्स की तरह ही व्यवहार करता है।
इंडेक्स फंड्स को एक्टिव रूप से मैनेज नहीं किया जाता, इसलिए इसमें कम खर्च (लो एक्सपेंस रेशियो) होता है। ये निवेशक को लंबी अवधि में स्थिर और औसत बाजार रिटर्न प्रदान करते हैं। हालांकि, इनमें ट्रैकिंग एरर का थोड़ा जोखिम होता है, लेकिन यह सीमित होता है।
इंडेक्स फंड में भारत में निवेश कैसे करें? – How to Invest in Index Funds in Hindi
भारत में इंडेक्स फंड में निवेश करना एक आसान और ऑनलाइन प्रक्रिया है, जिसे आप मोबाइल ऐप्स या वेबसाइट के जरिए कुछ ही चरणों में पूरा कर सकते हैं। नीचे स्टेप-बाय-स्टेप तरीका बताया गया है:
- Demat और Trading Account खोलें: सबसे पहले किसी ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जैसे Alice Blue पर Demat और Trading खाता खोलें। यह ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से हो सकता है।
- KYC प्रक्रिया पूरी करें: आधार, पैन कार्ड, फोटो और बैंक डिटेल्स देकर eKYC पूरा करें। बिना KYC के म्यूचुअल फंड में निवेश संभव नहीं है।
- Index Fund का चयन करें: निफ्टी 50, सेंसेक्स या इंटरनेशनल इंडेक्स फंड्स में से अपनी जरूरत के अनुसार फंड चुनें। Groww, ET Money या Alice Blue जैसे प्लेटफॉर्म पर तुलना करें।
- SIP या Lump Sum चुनें: तय करें कि आप हर महीने थोड़ी-थोड़ी राशि (SIP) निवेश करना चाहते हैं या एक बार में बड़ी रकम (Lump Sum)। SIP लंबी अवधि में औसत रिटर्न देता है।
- ऑर्डर प्लेस करें और ट्रैक करें: चुने गए फंड में निवेश की राशि दर्ज करें और ऑर्डर सबमिट करें। निवेश के बाद अपने फंड का प्रदर्शन ऐप या वेबसाइट के जरिए समय-समय पर ट्रैक करते रहें।
इंडेक्स फंड में निवेश के लिए आवश्यक दस्तावेज – Documents Required to Invest in Index Funds in Hindi
इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- पैन कार्ड – निवेशक की पहचान और टैक्स से संबंधित जानकारी के लिए अनिवार्य है।
- आधार कार्ड – KYC सत्यापन और पहचान प्रमाण के लिए ज़रूरी।
- बैंक खाता विवरण – कैंसिल चेक या पासबुक की कॉपी, जिसमें IFSC और अकाउंट नंबर स्पष्ट हो।
- फोटोग्राफ – पासपोर्ट साइज हालिया फोटो KYC प्रक्रिया में लगता है।
- सिग्नेचर सैंपल – डिजिटल या स्कैन किया हुआ सिग्नेचर फॉर्म पर आवश्यक होता है।
इंडेक्स फंड के लाभ – Benefits Of Index Funds
इंडेक्स फंड्स निवेशकों को कम लागत में लंबी अवधि के लिए स्थिर और विविध पोर्टफोलियो रिटर्न प्राप्त करने का एक सरल तरीका प्रदान करते हैं। नीचे इसके प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- कम एक्सपेंस रेशियो: इंडेक्स फंड्स निष्क्रिय रूप से मैनेज किए जाते हैं, इसलिए एक्टिव फंड्स की तुलना में इनका खर्च बहुत कम होता है।
- विविधीकरण का लाभ: एक इंडेक्स फंड कई कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है, जिससे जोखिम घटता है और स्थिर रिटर्न की संभावना बढ़ती है।
- बाजार के अनुरूप रिटर्न: ये फंड किसी इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, जिससे निवेशक को पूरे बाजार के प्रदर्शन के अनुरूप रिटर्न मिलता है।
- सादगी और पारदर्शिता: इंडेक्स फंड्स की संरचना और प्रदर्शन समझना आसान होता है क्योंकि वे किसी ज्ञात इंडेक्स को फॉलो करते हैं।
- लंबी अवधि के लिए उपयुक्त
कम लागत, स्थिर रिटर्न और विविधीकरण के कारण ये फंड्स लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए बेहतरीन माने जाते हैं।
भारत में सर्वश्रेष्ठ इंडेक्स फंड – Best Index Funds in India in Hindi
भारत में 2025 में निवेश के लिए कुछ शीर्ष इंडेक्स फंड्स निम्नलिखित हैं:
| फंड का नाम | ट्रैक किया गया इंडेक्स | 3-वर्षीय रिटर्न | एक्सपेंस रेशियो | न्यूनतम SIP राशि | फंड साइज (₹ करोड़) |
| ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी 50 इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty 50 | 16.34% | 0.17% | ₹100 | – |
| Motilal Oswal निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty Smallcap 250 | 33.64% | 0.36% | ₹500 | 702.04 |
| Nippon India निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty Smallcap 250 | 33.50% | 0.32% | ₹1,000 | 1,708.73 |
| DSP निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty 50 Equal Weight | 22.94% | 0.40% | ₹100 | – |
| Axis निफ्टी मिडकैप 50 इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty Midcap 50 | 20.46% | 0.26% | ₹100 | 396.04 |
| Motilal Oswal निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty Midcap 150 | 19.24% | 0.30% | ₹500 | 1,986.88 |
| HDFC निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty Smallcap 250 | – | 0.30% | ₹100 | 349.89 |
| Aditya Birla Sun Life निफ्टी स्मॉलकैप 50 इंडेक्स डायरेक्ट-ग्रोथ | Nifty Smallcap 50 | – | 0.46% | ₹100 | 183.99 |
नोट: रिटर्न और अन्य आंकड़े 4 अप्रैल 2025 तक के हैं।
इंडेक्स फंड के बारे में संक्षिप्त सारांश
- इंडेक्स फंड वह म्यूचुअल फंड होता है जो किसी शेयर बाजार सूचकांक जैसे Nifty 50 या Sensex का प्रदर्शन दोहराने की कोशिश करता है।
- भारत में इंडेक्स फंड के प्रकारों में ब्रॉड मार्केट, सेक्टोरल, मिडकैप, स्मॉलकैप, इंटरनेशनल और ईटीएफ आधारित इंडेक्स फंड शामिल होते हैं।
- सही इंडेक्स फंड चुनने के लिए इंडेक्स, ट्रैकिंग एरर, एक्सपेंस रेशियो, AMC की साख और फंड का AUM देखना जरूरी होता है।
- ये फंड किसी सूचकांक में मौजूद शेयरों में उसी अनुपात में निवेश करते हैं और उसके जैसे ही रिटर्न देने की कोशिश करते हैं।
- KYC के बाद किसी प्लेटफॉर्म जैसे Alice Blue पर SIP या लंपसम के जरिए इंडेक्स फंड में आसानी से ऑनलाइन निवेश किया जा सकता है।
- निवेश के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स, फोटो और सिग्नेचर सैंपल जैसे KYC दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
- इंडेक्स फंड्स में कम खर्च, विविधीकरण, पारदर्शिता और बाजार के अनुरूप स्थिर रिटर्न मिलने के कारण ये लंबे निवेश के लिए उपयुक्त होते हैं।
- भारत में ICICI, Motilal Oswal, Nippon, Axis और DSP जैसे टॉप AMC के इंडेक्स फंड्स निवेशकों को बेहतर रिटर्न और विविधता प्रदान करते हैं।
भारत में इंडेक्स फंड के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत में इंडेक्स फंड्स कई प्रकार के होते हैं जैसे ब्रॉड मार्केट (Nifty 50, Sensex), मिडकैप, स्मॉलकैप, सेक्टोरल (बैंकिंग, IT), इंटरनेशनल इंडेक्स फंड्स और ETF आधारित फंड्स। निवेशक अपनी जोखिम प्रोफ़ाइल और लक्ष्य अनुसार इनका चयन कर सकते हैं।
भारत में इंडेक्स फंड ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो किसी विशेष इंडेक्स जैसे Nifty 50 या Sensex को ट्रैक करते हैं। ये फंड उस इंडेक्स के अनुरूप ही निवेश करते हैं और उसी के अनुसार रिटर्न देने की कोशिश करते हैं।
हाँ, इंडेक्स फंड्स पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। 1 साल से कम में बेचे गए यूनिट्स पर 15% शॉर्ट टर्म टैक्स और 1 लाख से ज्यादा लॉन्ग टर्म गेन पर 10% टैक्स लगता है, जो इक्विटी फंड्स जैसा होता है।
इंडेक्स फंड्स का रिटर्न इंडेक्स के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। Nifty 50 या Sensex आधारित फंड्स औसतन 12–15% तक सालाना रिटर्न दे सकते हैं, जबकि मिडकैप या स्मॉलकैप इंडेक्स फंड्स में यह अधिक भी हो सकता है।
निवेशक Alice Blue जैसे प्लेटफॉर्म्स पर KYC पूरा कर SIP या लंपसम के माध्यम से इंडेक्स फंड्स में निवेश कर सकते हैं। फंड का चयन इंडेक्स, रिटर्न और एक्सपेंस रेशियो देखकर किया जा सकता है।
कोई भी भारतीय नागरिक, जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है और जिसके पास वैध PAN, आधार और बैंक खाता है, इंडेक्स फंड्स में निवेश कर सकता है। ये फंड्स नए निवेशकों और लॉन्ग टर्म प्लानिंग वालों के लिए उपयुक्त हैं।
NSE पर विभिन्न फंड हाउसों के करीब 90 से अधिक इंडेक्स आधारित म्यूचुअल फंड्स सूचीबद्ध हैं, जिनमें Nifty 50, Nifty Next 50, Nifty Bank, Nifty Midcap 150 जैसे कई इंडेक्स शामिल हैं। संख्या समय के साथ बढ़ती रहती है।
हाँ, इंडेक्स फंड्स में बाज़ार से जुड़ा जोखिम होता है क्योंकि ये इंडेक्स के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं। हालांकि, इनमें एक्टिव फंड्स की तुलना में कम रिस्क होता है और विविधीकरण के कारण लॉन्ग टर्म में स्थिरता मिलती है।
इंडेक्स फंड्स कम लागत, विविधीकरण और औसत बाजार रिटर्न के कारण लॉन्ग टर्म निवेश के लिए आदर्श माने जाते हैं। ये उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो समय के साथ स्थिर और निष्क्रिय निवेश से पूंजी वृद्धि चाहते हैं।
इंडेक्स फंड्स निष्क्रिय होते हैं और किसी इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, जबकि एक्टिव फंड्स में फंड मैनेजर स्टॉक्स का चुनाव कर अतिरिक्त रिटर्न की कोशिश करते हैं। इंडेक्स फंड्स का खर्च कम होता है, लेकिन एक्टिव फंड्स में रिस्क और रिटर्न दोनों ज्यादा होते हैं।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है, और लेख में उल्लिखित कंपनियों का डेटा समय के साथ बदल सकता है। उद्धृत प्रतिभूतियाँ अनुकरणीय हैं और अनुशंसात्मक नहीं हैं।


