सामान्य शेयर (Common Stock) और प्रिफरेंस शेयर (Preferred Stock) में मुख्य अंतर उनके लाभांश, वोटिंग अधिकार और जोखिम स्तर में होता है। सामान्य शेयरधारकों को लाभांश अंतिम रूप से मिलता है और वे कंपनी के प्रबंधन में वोटिंग अधिकार रखते हैं, जबकि प्रिफरेंस शेयरधारकों को निश्चित लाभांश पहले प्राप्त होता है लेकिन वे आमतौर पर वोटिंग अधिकार से वंचित रहते हैं।
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प्रिफरेंस स्टॉक क्या है? – Preferred Stock Meaning in Hindi
प्रिफरेंस स्टॉक (Preferred Stock) एक प्रकार का शेयर होता है जिसमें निवेशकों को निश्चित लाभांश प्राप्त करने का विशेषाधिकार मिलता है। यह आमतौर पर सामान्य शेयर (Common Stock) से पहले भुगतान किया जाता है, जिससे यह सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। हालांकि, प्रिफरेंस शेयरधारकों को आमतौर पर वोटिंग अधिकार नहीं मिलते हैं।
यह शेयर उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जो नियमित और स्थिर आय की तलाश में होते हैं, क्योंकि कंपनियां मंदी के समय भी पहले इन्हीं शेयरधारकों को लाभांश देती हैं। इनके कई प्रकार होते हैं, जैसे क्यूमुलेटिव, नॉन-क्यूमुलेटिव, कन्वर्टिबल और पार्टिसिपेटिंग प्रिफरेंस स्टॉक, जिनका उपयोग निवेशक अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुसार करते हैं।
प्रिफरेंस स्टॉक के प्रकार – Types of Preferred Stock in Hindi
प्रिफरेंस स्टॉक (Preferred Stock) के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हैं:
- संचयी प्रिफरेंस शेयर (Cumulative Preference Shares): इन शेयरों में, यदि कंपनी किसी वर्ष लाभांश का भुगतान नहीं कर पाती है, तो वह बकाया लाभांश अगले वर्षों में जोड़ दिया जाता है और भविष्य में भुगतान किया जाता है।
- गैर-संचयी प्रिफरेंस शेयर (Non-Cumulative Preference Shares): इनमें, यदि किसी वर्ष लाभांश का भुगतान नहीं होता है, तो वह बकाया लाभांश भविष्य में नहीं जोड़ा जाता और शेयरधारक उसका दावा नहीं कर सकते।
- परिवर्तनीय प्रिफरेंस शेयर (Convertible Preference Shares): इन शेयरों को एक निश्चित अवधि के बाद कंपनी के इक्विटी शेयरों में बदला जा सकता है, जिससे शेयरधारकों को पूंजी वृद्धि का लाभ मिलता है।
- गैर-परिवर्तनीय प्रिफरेंस शेयर (Non-Convertible Preference Shares): इन शेयरों को इक्विटी शेयरों में परिवर्तित करने का विकल्प नहीं होता है; वे अपनी पूरी अवधि के दौरान प्रिफरेंस शेयर ही बने रहते हैं।
- भागीदारी प्रिफरेंस शेयर (Participating Preference Shares): इन शेयरधारकों को निश्चित लाभांश के अलावा, कंपनी के अतिरिक्त मुनाफे में भी हिस्सा मिलता है, जिससे उन्हें अधिक रिटर्न प्राप्त होता है।
- गैर-भागीदारी प्रिफरेंस शेयर (Non-Participating Preference Shares): इनमें शेयरधारकों को केवल निश्चित लाभांश मिलता है और वे कंपनी के अतिरिक्त मुनाफे में हिस्सा नहीं लेते।
- रिडीमेबल प्रिफरेंस शेयर (Redeemable Preference Shares): इन शेयरों को कंपनी एक निश्चित अवधि के बाद या पूर्व-निर्धारित तिथि पर वापस खरीद सकती है, जिससे निवेशकों को उनके निवेश की वापसी सुनिश्चित होती है।
- इर्रीडीमेबल प्रिफरेंस शेयर (Irredeemable Preference Shares): इन शेयरों को कंपनी द्वारा वापस नहीं खरीदा जा सकता है और वे अनिश्चित काल तक जारी रहते हैं।
सामान्य शेयर – Common Stock Meaning in Hindi
सामान्य शेयर (Common Stock) वह शेयर होते हैं जो कंपनी के स्वामित्व में भागीदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं और निवेशकों को वोटिंग अधिकार प्रदान करते हैं। सामान्य शेयरधारकों को कंपनी के लाभ में हिस्सेदारी मिलती है, लेकिन उनका लाभांश प्रिफरेंस शेयरधारकों की तुलना में अंतिम रूप से दिया जाता है। इन शेयरों में निवेश करना उच्च जोखिम और उच्च रिटर्न का अवसर प्रदान करता है, क्योंकि कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर उनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है।
इन शेयरों के धारकों को कंपनी के निदेशक मंडल के चुनाव में वोट देने का अधिकार होता है, जिससे वे प्रबंधन से जुड़े निर्णयों में भाग ले सकते हैं। हालांकि, यदि कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो सामान्य शेयरधारकों को संपत्ति में हिस्सा सबसे अंत में मिलता है, जबकि पहले ऋणदाता और प्रिफरेंस शेयरधारकों को भुगतान किया जाता है। इस कारण से, यह निवेश जोखिमपूर्ण हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों को अच्छा लाभ भी प्रदान कर सकता है।
सामान्य शेयर के प्रकार – Types of Common Stock in Hindi
सामान्य शेयर (Common Stock) को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो निवेशकों को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं और जोखिम सहनशीलता के अनुसार विकल्प प्रदान करते हैं। प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- ब्लू-चिप शेयर (Blue-Chip Shares): ये शेयर वित्तीय रूप से स्थिर और स्थापित कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका स्थिर वृद्धि का इतिहास होता है।
- विकास शेयर (Growth Shares): ऐसी कंपनियों के शेयर जो औसत से अधिक वृद्धि दर की उम्मीद रखते हैं, लेकिन आमतौर पर लाभांश का भुगतान नहीं करते।
- आय शेयर (Income Shares): उच्च लाभांश देने वाले शेयर, जो आय चाहने वाले निवेशकों के लिए आकर्षक होते हैं। c
- मूल्य शेयर (Value Shares): बाजार में कम मूल्यांकित लेकिन महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना वाले शेयर।
सामान्य स्टॉक बनाम प्रिफरेंस स्टॉक – Common Stock Vs Preferred Stock in Hindi
सामान्य स्टॉक (Common Stock) और प्रिफरेंस स्टॉक (Preferred Stock) के बीच मुख्य अंतर निम्नलिखित सारणी में प्रस्तुत किए गए हैं:
पहलू | सामान्य स्टॉक (Common Stock) | प्रिफरेंस स्टॉक (Preferred Stock) |
लाभांश | लाभांश परिवर्तनशील होता है और कंपनी के मुनाफे पर निर्भर करता है। | निश्चित लाभांश प्रदान करता है, जो कंपनी के प्रदर्शन से प्रभावित नहीं होता। |
मतदान अधिकार | शेयरधारकों को कंपनी के निदेशक मंडल के चुनाव और प्रमुख नीतिगत निर्णयों में मतदान का अधिकार होता है। | आमतौर पर मतदान का अधिकार नहीं होता है, इसलिए कंपनी के प्रबंधन में सीधा हस्तक्षेप नहीं कर सकते। |
परिसमापन प्राथमिकता | परिसमापन की स्थिति में, सामान्य शेयरधारकों को भुगतान सबसे अंत में किया जाता है, ऋणदाताओं और प्रिफरेंस शेयरधारकों के बाद। | परिसमापन के समय, प्रिफरेंस शेयरधारकों को सामान्य शेयरधारकों से पहले भुगतान किया जाता है। |
जोखिम और रिटर्न | उच्च जोखिम के साथ उच्च रिटर्न की संभावना, क्योंकि शेयर मूल्य में अधिक उतार-चढ़ाव होता है। | स्थिर और पूर्वानुमानित रिटर्न के साथ कम जोखिम, लेकिन पूंजी वृद्धि की संभावना सीमित होती है। |
परिवर्तनीयता | सामान्यतः परिवर्तनीय नहीं होते हैं; इन्हें प्रिफरेंस स्टॉक में बदला नहीं जा सकता। | कुछ प्रिफरेंस स्टॉक को एक निश्चित अवधि के बाद सामान्य स्टॉक में बदला जा सकता है, जिन्हें कन्वर्टिबल प्रिफरेंस स्टॉक कहा जाता है। |
सामान्य स्टॉक और प्रिफरेंस स्टॉक के लाभ और जोखिम – Benefits and Risks of Common and Preferred Stock in Hindi
सामान्य और प्रिफरेंस स्टॉक: लाभ और जोखिम
सामान्य स्टॉक (Common Stock) और प्रिफरेंस स्टॉक (Preferred Stock) दोनों ही निवेश के प्रमुख साधन हैं, लेकिन उनकी विशेषताएँ, लाभ और जोखिम अलग-अलग होते हैं। सामान्य स्टॉक उच्च रिटर्न और वोटिंग अधिकार प्रदान करता है, जबकि प्रिफरेंस स्टॉक निश्चित लाभांश और कम जोखिम के साथ आता है।
लाभ
- पूंजी वृद्धि की संभावना: सामान्य स्टॉक दीर्घकालिक निवेशकों के लिए पूंजी वृद्धि का अवसर प्रदान करता है, जबकि कुछ कन्वर्टिबल प्रिफरेंस स्टॉक्स को बाद में सामान्य स्टॉक में बदला जा सकता है।
- निश्चित और अनिश्चित लाभांश: प्रिफरेंस स्टॉक निवेशकों को एक स्थिर और निर्धारित लाभांश प्रदान करता है, जबकि सामान्य स्टॉक का लाभांश कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
- वोटिंग और नियंत्रण: सामान्य स्टॉकधारकों को कंपनी के प्रबंधन में भाग लेने और निदेशक मंडल के चुनाव में मतदान करने का अधिकार होता है, जबकि प्रिफरेंस स्टॉकधारकों को यह सुविधा नहीं मिलती।
- परिसमापन प्राथमिकता: यदि कंपनी दिवालिया होती है, तो प्रिफरेंस स्टॉकधारकों को पहले भुगतान किया जाता है, जबकि सामान्य स्टॉकधारकों को अंतिम रूप से भुगतान मिलता है।
- निवेश विविधीकरण: निवेशक अपनी जोखिम सहनशीलता के अनुसार सामान्य और प्रिफरेंस स्टॉक दोनों का मिश्रण रख सकते हैं, जिससे स्थिरता और वृद्धि दोनों के लाभ मिलते हैं।
जोखिम
- बाजार अस्थिरता: सामान्य स्टॉक की कीमतें अत्यधिक अस्थिर होती हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होती हैं, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
- लाभांश अनिश्चितता: सामान्य स्टॉक में लाभांश की कोई गारंटी नहीं होती, जबकि प्रिफरेंस स्टॉक में लाभांश सुनिश्चित होता है, लेकिन ब्याज दरों में बदलाव से इसका मूल्य प्रभावित हो सकता है।
- वोटिंग अधिकार की कमी: प्रिफरेंस स्टॉकधारकों को कंपनी की निर्णय प्रक्रियाओं में भाग लेने का अधिकार नहीं होता, जिससे वे प्रबंधन पर कोई प्रभाव नहीं डाल सकते।
- परिसमापन जोखिम: दिवालिया होने की स्थिति में, सामान्य स्टॉकधारकों को भुगतान सबसे अंत में मिलता है, जिससे उनका निवेश पूरी तरह से डूब सकता है।
- सीमित पूंजी वृद्धि: प्रिफरेंस स्टॉकधारकों को निश्चित लाभांश तो मिलता है, लेकिन सामान्य स्टॉक की तरह उनकी कीमतों में अधिक वृद्धि नहीं होती, जिससे दीर्घकालिक रिटर्न सीमित हो सकता है।
विषय को समझने के लिए और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, नीचे दिए गए संबंधित स्टॉक मार्केट लेखों को अवश्य पढ़ें।
प्रिफरेंस स्टॉक और सामान्य स्टॉक के बारे में त्वरित सारांश
- प्रिफरेंस स्टॉक एक प्रकार का शेयर है जिसमें निवेशकों को निश्चित लाभांश मिलता है और परिसमापन में प्राथमिकता होती है, लेकिन आमतौर पर वोटिंग अधिकार नहीं होते।
- प्रिफरेंस स्टॉक के मुख्य प्रकार हैं: संचयी, गैर-संचयी, परिवर्तनीय, गैर-परिवर्तनीय, भागीदारी, गैर-भागीदारी, रिडीमेबल और इर्रीडीमेबल, जो विभिन्न निवेश आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
- सामान्य शेयर कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां निवेशकों को वोटिंग अधिकार और लाभांश मिलता है, लेकिन परिसमापन में भुगतान की प्राथमिकता सबसे अंत में होती है।
- सामान्य शेयर चार प्रकार के होते हैं: ब्लू-चिप, विकास, आय और मूल्य शेयर, जो जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों के आधार पर भिन्न होते हैं।
- सामान्य स्टॉक में उच्च रिटर्न और वोटिंग अधिकार होते हैं, जबकि प्रिफरेंस स्टॉक में निश्चित लाभांश और परिसमापन में प्राथमिकता होती है, लेकिन वोटिंग अधिकार नहीं मिलते।
- सामान्य स्टॉक उच्च रिटर्न और मतदान अधिकार देता है लेकिन अधिक जोखिमपूर्ण होता है, जबकि प्रिफरेंस स्टॉक स्थिर आय प्रदान करता है लेकिन सीमित वृद्धि और वोटिंग अधिकार के बिना आता है।
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सामान्य स्टॉक और प्रिफरेंस स्टॉक के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सामान्य शेयरधारकों को वोटिंग अधिकार और अधिक रिटर्न की संभावना मिलती है, जबकि प्रिफरेंस शेयरधारकों को निश्चित लाभांश और परिसमापन में प्राथमिकता मिलती है, लेकिन आमतौर पर वोटिंग अधिकार नहीं होते।
उदाहरण के लिए, यदि टाटा मोटर्स 6% प्रिफरेंस शेयर जारी करती है, तो इसका मतलब है कि निवेशकों को हर साल 6% निश्चित लाभांश मिलेगा, चाहे कंपनी लाभ कमाए या न कमाए।
कन्वर्टिबल प्रिफरेंस शेयरों को निवेशकों को अधिक रिटर्न देने के लिए सामान्य शेयरों में बदला जाता है, जिससे वे कंपनी की बढ़ती संपत्ति का लाभ उठा सकते हैं और पूंजी वृद्धि का लाभ पा सकते हैं।
प्रिफरेंस शेयरधारकों को निश्चित लाभांश, परिसमापन में प्राथमिकता और कम अस्थिरता का लाभ मिलता है। यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो स्थिर आय की तलाश में हैं और अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते।
सार्वजनिक और निजी कंपनियाँ सामान्य शेयर जारी कर सकती हैं, जिससे वे पूंजी जुटा सकें और निवेशकों को स्वामित्व का हिस्सा देकर व्यवसाय में भागीदार बना सकें।
प्रिफरेंस शेयर सस्ता होता है क्योंकि इसमें लाभांश निश्चित होता है और पूंजी वृद्धि की संभावना सीमित होती है। इसके अलावा, निवेशक उच्च रिटर्न की उम्मीद के साथ सामान्य शेयर खरीदते हैं, जबकि प्रिफरेंस शेयर अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले होते हैं।
सामान्य शेयरधारकों को निदेशक मंडल के चुनाव और नीतिगत निर्णयों में मतदान का अधिकार मिलता है, जबकि प्रिफरेंस शेयरधारकों को आमतौर पर कोई वोटिंग अधिकार नहीं मिलता। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में प्रिफरेंस शेयरधारकों को सीमित मतदान अधिकार मिल सकते हैं।
परिसमापन के दौरान, प्रिफरेंस शेयरधारकों को सामान्य शेयरधारकों से पहले भुगतान किया जाता है। हालांकि, उन्हें ऋणदाताओं और बांडधारकों के बाद भुगतान मिलता है, जिससे उनका जोखिम सामान्य शेयरधारकों की तुलना में कम लेकिन पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता।
अधिकांश प्रिफरेंस शेयरों पर निश्चित लाभांश मिलता है, लेकिन यह कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और शेयर के प्रकार (संचयी या गैर-संचयी) पर निर्भर करता है। यदि कंपनी घाटे में हो, तो गैर-संचयी प्रिफरेंस शेयरधारकों को लाभांश नहीं मिल सकता।
यह निवेशक की जोखिम सहनशीलता और वित्तीय लक्ष्य पर निर्भर करता है। उच्च रिटर्न और वोटिंग अधिकार चाहने वालों के लिए सामान्य शेयर बेहतर हैं, जबकि स्थिर आय और कम जोखिम के इच्छुक निवेशकों के लिए प्रिफरेंस शेयर उपयुक्त होते हैं।
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