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Bonus Share Meaning in Hindi

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बोनस शेयर क्या होता है? – Bonus Share Meaning in Hindi

बोनस शेयर (Bonus Share) वे अतिरिक्त शेयर होते हैं जो कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के जारी करती है। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब कंपनी के पास अच्छे लाभ और आरक्षित धन होते हैं, लेकिन वह नकद लाभांश देने के बजाय शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करना पसंद करती है।

Table of Contents

बोनस शेयर का अर्थ – Bonus Share Meaning in Hindi

बोनस शेयर वे अतिरिक्त शेयर होते हैं जो कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के जारी करती है। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब कंपनी के पास पर्याप्त संचित लाभ होता है, जिसे वह नकद लाभांश के बजाय शेयरों के रूप में वितरित करना चाहती है। बोनस शेयर जारी करने से शेयरधारकों की कुल होल्डिंग बढ़ती है, लेकिन कंपनी की कुल शेयर पूंजी में वृद्धि नहीं होती। 

बोनस शेयर जारी करने का उद्देश्य कंपनी के शेयरों की तरलता बढ़ाना और प्रति शेयर मूल्य को अधिक सुलभ बनाना है, जिससे नए निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इसके अलावा, यह कंपनी की वित्तीय स्थिरता और भविष्य की लाभप्रदता में विश्वास को भी दर्शाता है। बोनस शेयर जारी करने से शेयरधारकों को उनके निवेश पर अतिरिक्त लाभ मिलता है, जबकि कंपनी के नकद भंडार सुरक्षित रहते हैं।

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बोनस शेयर उदाहरण – Bonus Share Example in Hindi

मान लीजिए कि किसी कंपनी के पास 1,00,000 जारी किए गए शेयर हैं और वह 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की घोषणा करती है। इसका मतलब है कि प्रत्येक शेयरधारक को उसके पास मौजूद प्रत्येक एक शेयर के बदले एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा।

उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक के पास पहले से 100 शेयर हैं, तो 1:1 बोनस इश्यू के बाद उसे अतिरिक्त 100 शेयर मिलेंगे, जिससे उसके कुल शेयर 200 हो जाएंगे। हालांकि, शेयरों की कुल संख्या बढ़ने के कारण शेयर का बाजार मूल्य आमतौर पर उसी अनुपात में समायोजित हो जाता है।

बोनस शेयर कैसे जारी किए जाते हैं?

बोनस शेयर जारी करने की प्रक्रिया

  1. बोर्ड की मंजूरी: कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बोनस शेयर जारी करने का प्रस्ताव पास करता है।
  2. शेयरधारकों की मंजूरी: यह प्रस्ताव शेयरधारकों की आम बैठक (AGM/EGM) में रखा जाता है और उन्हें अनुमोदन देना होता है।
  3. सेबी और स्टॉक एक्सचेंज को सूचना: कंपनी सेबी और स्टॉक एक्सचेंज को बोनस इश्यू की सूचना देती है।
  4. रिकॉर्ड डेट तय करना: कंपनी एक रिकॉर्ड डेट तय करती है, जिस दिन तक जिनके पास कंपनी के शेयर होंगे, वे बोनस के पात्र होंगे।
  5. नए शेयरों का आवंटन: निर्धारित अनुपात के अनुसार पात्र शेयरधारकों को उनके डीमैट अकाउंट में बोनस शेयर जारी कर दिए जाते हैं।

बोनस शेयर के लिए कौन पात्र है? – Who is Eligible for Bonus Shares in Hindi

बोनस शेयर के लिए वही निवेशक पात्र होते हैं जिनके पास रिकॉर्ड तिथि (Record Date) तक कंपनी के शेयर होते हैं। कंपनी द्वारा घोषित रिकॉर्ड तिथि तक जिन निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर मौजूद होते हैं, उन्हें बोनस शेयर स्वतः ही आवंटित कर दिए जाते हैं।

अगर कोई निवेशक रिकॉर्ड तिथि के बाद कंपनी के शेयर खरीदता है, तो वह बोनस शेयर पाने के योग्य नहीं होगा। इसलिए, केवल वे शेयरधारक जो रिकॉर्ड तिथि तक कंपनी के रजिस्ट्री में दर्ज होते हैं, उन्हें बोनस शेयर मिलते हैं।

बोनस शेयर के प्रकार – Types of Bonus Shares in Hindi

बोनस शेयर के प्रकार

  1. पूरी तरह से भुगतान किए गए बोनस शेयर (Fully Paid Bonus Shares)
    ये शेयर मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के जारी किए जाते हैं। शेयरधारकों को सीधे उनके डीमैट अकाउंट में बोनस शेयर प्राप्त होते हैं, जिससे उनकी होल्डिंग बढ़ती है।
  2. आंशिक रूप से भुगतान किए गए बोनस शेयर (Partly Paid Bonus Shares)
    इन शेयरों में शेयरधारकों को कुछ राशि का भुगतान करना होता है ताकि वे पूरी तरह से भुगतान किए गए शेयरों में बदल सकें। हालांकि, अधिकांश कंपनियां पूरी तरह से भुगतान किए गए बोनस शेयर जारी करना पसंद करती हैं।

बोनस शेयर के लाभ – Advantages of Bonus Shares in Hindi

बोनस शेयर के लाभ

  • निवेशकों के लिए अतिरिक्त शेयर: मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के नए शेयर मिलते हैं, जिससे उनकी कुल होल्डिंग बढ़ जाती है।
  • नकदी प्रवाह प्रभावित नहीं होता: कंपनी को नकद लाभांश देने की जरूरत नहीं होती, जिससे उसकी नकदी बचती है और फंड का बेहतर उपयोग किया जा सकता है।
  • शेयर की तरलता बढ़ती है: अधिक शेयर जारी होने से स्टॉक की ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ती है, जिससे बाजार में तरलता बेहतर होती है।
  • निवेशकों का विश्वास बढ़ता है: बोनस शेयर जारी करना कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है, जिससे निवेशकों में भरोसा बढ़ता है।
  • कर लाभ: शेयरधारकों को बोनस शेयरों पर तत्काल कर नहीं देना पड़ता, जबकि नकद लाभांश पर टैक्स देना होता है।

बोनस शेयर के नुकसान – Disadvantages of Bonus Shares in Hindi

बोनस शेयर के नुकसान

  1. शेयर मूल्य में कमी: बोनस शेयर जारी होने से कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे प्रति शेयर मूल्य आमतौर पर घट जाता है।
  2. तत्काल नकद लाभ नहीं: निवेशकों को बोनस शेयर के रूप में लाभ मिलता है, लेकिन वे तुरंत नकद लाभांश प्राप्त नहीं कर पाते।
  3. बाजार में अधिक आपूर्ति: अतिरिक्त शेयर जारी होने से बाजार में शेयरों की आपूर्ति बढ़ जाती है, जिससे स्टॉक की कीमत स्थिर रहने या गिरने की संभावना होती है।
  4. लाभांश प्रतिशत कम हो सकता है: चूंकि कंपनी के कुल शेयर बढ़ जाते हैं, भविष्य में प्रति शेयर लाभांश का प्रतिशत कम हो सकता है।
  5. छोटे निवेशकों के लिए जटिलता: नए निवेशकों को बोनस शेयरों के मूल्य समायोजन को समझने में कठिनाई हो सकती है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

स्टॉक स्प्लिट क्या है? – Stock Split Meaning in Hindi

स्टॉक स्प्लिट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक कंपनी अपने मौजूदा शेयरों को छोटे हिस्सों में बांट देती है। इसका मतलब यह है कि एक शेयर के बदले निवेशक को अधिक संख्या में कम मूल्य के शेयर मिलते हैं।

उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कंपनी ने 1:2 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट किया है, तो हर एक शेयर के बदले निवेशकों को दो शेयर मिलेंगे, लेकिन प्रत्येक शेयर की कीमत आधी हो जाएगी। स्टॉक स्प्लिट का उद्देश्य आमतौर पर शेयर की कीमत को कम करना होता है ताकि यह छोटे निवेशकों के लिए भी सुलभ हो सके।

रिकॉर्ड तिथि क्या है?

रिकॉर्ड तिथि (Record Date) वह तिथि होती है, जब एक कंपनी यह निर्धारित करती है कि कौन से शेयरधारक लाभांश, बोनस शेयर या अन्य वितरण प्राप्त करने के पात्र हैं। इस तिथि के आधार पर, कंपनी अपने शेयरधारकों की सूची तैयार करती है और उन्हीं को लाभांश या अन्य लाभ प्रदान करती है।

मान लीजिए, कंपनी ABC ने 1 जनवरी को लाभांश घोषित किया और रिकॉर्ड तिथि 15 जनवरी निर्धारित की। इसका मतलब है कि 15 जनवरी को कंपनी के शेयरधारक लाभांश प्राप्त करने के पात्र होंगे। यदि आप 14 जनवरी को शेयर खरीदते हैं, तो आप 15 जनवरी को कंपनी के शेयरधारक होंगे और लाभांश प्राप्त करेंगे। लेकिन यदि आप 16 जनवरी को शेयर खरीदते हैं, तो आप लाभांश के लिए पात्र नहीं होंगे। 

एक्स-बोनस तिथि क्या है?

एक्स-बोनस तिथि (Ex-Bonus Date) वह तिथि होती है, जिस दिन से शेयरधारक को बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होते हैं। यह तिथि, रिकॉर्ड तिथि से एक दिन पहले होती है। यदि आप इस तिथि के बाद शेयर खरीदते हैं, तो आपको बोनस शेयर नहीं मिलेगा, भले ही आप रिकॉर्ड तिथि तक उस शेयर के मालिक हों।

उदाहरण के तौर पर, यदि कंपनी ने बोनस शेयर 1:1 के अनुपात में देने का ऐलान किया है और एक्स-बोनस तिथि 10 जनवरी है, तो 9 जनवरी तक जिनके पास शेयर होंगे, उन्हें बोनस शेयर मिलेंगे। यदि आप 10 जनवरी या उसके बाद शेयर खरीदते हैं, तो आपको बोनस शेयर नहीं मिलेंगे, भले ही आपकी खरीदारी रिकॉर्ड तिथि से पहले हो।

बोनस तिथि क्या है?

बोनस तिथि (Bonus Date) वह तिथि होती है जब कंपनी यह घोषणा करती है कि वह अपने शेयरधारकों को बोनस शेयर प्रदान करेगी। यह तिथि यह निर्धारित करती है कि कौन से निवेशक बोनस शेयर पाने के योग्य होंगे।

बोनस शेयर एक तरह का उपहार होता है जो कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर के रूप में देती है। बोनस शेयर, कंपनी के लाभ को शेयरधारकों में वितरित करने का एक तरीका है, और इसे बिना कोई अतिरिक्त भुगतान किए प्राप्त किया जा सकता है।

टॉप बोनस शेयर दे रही भारतीय कंपनियां

नीचे उन भारतीय कंपनियों की सूची प्रस्तुत की गई है जिन्होंने हाल ही में बोनस शेयर जारी किए हैं, साथ ही उनके अनुपात, रिकॉर्ड तिथि और एक्स-बोनस तिथि की जानकारी भी दी गई है:

कंपनी का नामअनुपातरिकॉर्ड तिथिएक्स-बोनस तिथि
संगम फिनसर्व लिमिटेड4:107-02-202507-02-2025
थिंकिंक पिक्चर्स लिमिटेड2:105-02-202505-02-2025
रेडटेप लिमिटेड3:104-02-202504-02-2025
भारत सीट्स लिमिटेड1:120-12-202420-12-2024
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड1:1TBDTBD

बोनस शेयर के बारे में त्वरित सारांश

  • बोनस शेयर वह अतिरिक्त शेयर होते हैं, जो कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को बिना अतिरिक्त लागत के देती है, जिससे उनके शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। यह कंपनियों द्वारा अपने लाभ का वितरण करने का तरीका है 
  • उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए, तो प्रत्येक निवेशक को हर एक शेयर पर एक अतिरिक्त बोनस शेयर मिलेगा, जिससे उनकी कुल हिस्सेदारी बढ़ जाएगी 
  • बोनस शेयर कंपनी के लाभ से जारी किए जाते हैं, और इसे मौजूदा शेयरधारकों के बीच वितरण के रूप में प्रदान किया जाता है, ताकि शेयरों की संख्या बढ़ाई जा सके, लेकिन निवेशक को इसके लिए कोई अतिरिक्त पैसे नहीं देने होते
  • जो निवेशक रिकॉर्ड तिथि तक कंपनी के शेयरधारक होते हैं, वे बोनस शेयर प्राप्त करने के पात्र होते हैं। यह तिथि कंपनी के द्वारा निर्धारित की जाती है 
  • बोनस शेयर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: पूंजीगत बोनस शेयर और लाभांश बोनस शेयर, जो कंपनी के विभिन्न वितरण योजनाओं के आधार पर दिए जाते हैं 
  • बोनस शेयर के लाभ में अधिक शेयर प्राप्त करना और बाजार में अधिक लिक्विडिटी शामिल है, जबकि नुकसान में शेयरों की कीमत में गिरावट और निवेशक के लिए स्थिरता की कमी हो सकती है 
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बोनस शेयर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बोनस शेयर से आपका क्या मतलब है?

बोनस शेयर अतिरिक्त शेयर होते हैं जो कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के देती है। इसका उद्देश्य शेयरधारकों को लाभ वितरण करना है, जिससे उनकी हिस्सेदारी बढ़ जाती है।

2. बोनस शेयर की गणना कैसे की जाती है?

बोनस शेयर की गणना इस प्रकार की जाती है: यदि कंपनी 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर देती है, तो हर निवेशक को उनके मौजूदा शेयरों के बराबर बोनस शेयर मिलते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी के पास 100 शेयर हैं, तो उसे 100 बोनस शेयर मिलेंगे।

3. बोनस शेयर से किसे लाभ होता है?

बोनस शेयर से वे निवेशक लाभान्वित होते हैं, जिन्होंने रिकॉर्ड तिथि तक कंपनी के शेयर खरीदे हैं। वे अतिरिक्त बोनस शेयर प्राप्त करते हैं, जो उनकी हिस्सेदारी को बढ़ाते हैं।

4. बोनस शेयर कब क्रेडिट किया जाएगा?

बोनस शेयर आमतौर पर कंपनी द्वारा घोषित रिकॉर्ड तिथि और एक्स-बोनस तिथि के बाद क्रेडिट किए जाते हैं। इन तारीखों के बाद शेयरधारकों के खाते में बोनस शेयर दिखाई देते हैं।

5. क्या मैं बोनस शेयर बेच सकता हूँ?

हां, आप बोनस शेयर को बेच सकते हैं, लेकिन यह तब संभव है जब बोनस शेयर आपके डीमैट खाते में क्रेडिट हो जाएं। इसके बाद, आप इन्हें बाजार में बेच सकते हैं।

6. बोनस शेयर के बाद क्या होता है?

बोनस शेयर मिलने के बाद, कंपनी के शेयरधारकों की संख्या और उनकी हिस्सेदारी में वृद्धि होती है। हालांकि, शेयर की कीमत सामान्य रूप से बोनस शेयर के बाद घट जाती है, क्योंकि कंपनी का कुल पूंजीकरण वही रहता है।

विषय को समझने के लिए और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, नीचे दिए गए संबंधित स्टॉक मार्केट लेखों को अवश्य पढ़ें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है, और लेख में उल्लिखित कंपनियों का डेटा समय के साथ बदल सकता है। उद्धृत प्रतिभूतियाँ अनुकरणीय हैं और अनुशंसात्मक नहीं हैं।

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