स्टॉप लॉस एक प्राइस लेवल है जिसे निवेशक नुकसान को सीमित करने के लिए सेट करते हैं। यदि स्टॉक की कीमत उस स्तर तक गिरती है, तो ऑर्डर स्वचालित रूप से सक्रिय हो जाता है और स्टॉक बेच दिया जाता है। यह ट्रेडिंग में बड़े नुकसान से बचने और जोखिम प्रबंधन के लिए उपयोगी है। स्टॉप लॉस ऑर्डर किसी भी समय सेट किया जा सकता है और यह बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है।
Table of Contents
शेयर बाजार में स्टॉप लॉस क्या है? – Stop Loss In Share Market In Hindi
स्टॉप लॉस एक ट्रेडिंग टूल है, जिसका उपयोग नुकसान को सीमित करने के लिए किया जाता है। यह एक ऑटोमेटेड ऑर्डर है जो स्टॉक की कीमत पूर्व-निर्धारित स्तर तक पहुंचने पर सक्रिय होकर स्टॉक बेच देता है।
स्टॉप लॉस निवेशकों को बाजार में अचानक गिरावट के समय अपने निवेश को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह जोखिम प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण रणनीति है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो लगातार बाजार पर नज़र नहीं रख सकते।

स्टॉप लॉस ऑर्डर का उदाहरण – Stop Loss Order Example In Hindi
स्टॉप लॉस ऑर्डर वह निर्देश है, जिसमें स्टॉक की कीमत एक तय स्तर तक गिरने पर ऑर्डर सक्रिय हो जाता है। यह निवेशकों को बड़े नुकसान से बचाने में मदद करता है और बाजार की अनिश्चितताओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
मान लीजिए आप ₹500 प्रति शेयर पर टाटा मोटर्स के 10 शेयर खरीदते हैं। यदि आप स्टॉप लॉस ₹450 पर सेट करते हैं और कीमत गिरती है, तो ₹450 पर ऑर्डर अपने आप एक्टिवेट होकर नुकसान को सीमित कर देगा।
स्टॉप-लॉस का उपयोग कैसे करें?
स्टॉप-लॉस का उपयोग करने के लिए अपने ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में लॉग इन करें। जिस स्टॉक पर स्टॉप-लॉस लगाना है, उसे चुनें और उसकी कीमत निर्धारित करें। यह प्राइस लेवल वह होगा, जिस पर ऑर्डर सक्रिय होकर स्टॉक बेचा जाएगा, जिससे नुकसान सीमित होगा।
स्टॉप-लॉस का उपयोग निवेशकों को बाजार की अनिश्चितताओं से बचाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹1,000 पर स्टॉक खरीदा है और नुकसान 5% तक सीमित करना चाहते हैं, तो ₹950 पर स्टॉप-लॉस सेट करें। अगर कीमत गिरती है, तो स्टॉक स्वचालित रूप से बेचा जाएगा।
स्टॉप लॉस का महत्व – Importance Of Stop Loss In Hindi
स्टॉप लॉस का मुख्य महत्व यह है कि यह ट्रेडिंग में जोखिम को प्रबंधित करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह निवेशकों को बड़े नुकसान से बचाने और अनुशासित ट्रेडिंग रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
- नुकसान को सीमित करना
स्टॉप लॉस निवेशकों को किसी स्टॉक की कीमत में गिरावट के समय बड़े नुकसान से बचने में मदद करता है, जिससे उनकी पूंजी सुरक्षित रहती है।
- जोखिम प्रबंधन में सहायक
स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करके निवेशक बाजार में जोखिम को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को अनावश्यक गिरावट से बचा सकते हैं।
- भावनात्मक निर्णयों से बचाव
यह भावनात्मक ट्रेडिंग से बचने में मदद करता है। पहले से सेट किया गया स्टॉप लॉस ऑर्डर स्वचालित रूप से काम करता है, जिससे गलत निर्णय की संभावना कम हो जाती है।
- ट्रेडिंग अनुशासन विकसित करना
स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने से निवेशकों में अनुशासन की भावना विकसित होती है और वे व्यवस्थित तरीके से अपने निवेश का प्रबंधन कर पाते हैं।
स्टॉप-लॉस ऑर्डर्स के प्रकार – Types Of Stop-Loss Orders In Hindi
स्टॉप-लॉस ऑर्डर्स विभिन्न प्रकार के होते हैं, जो ट्रेडिंग में जोखिम को प्रबंधित करने और नुकसान को सीमित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनमें फिक्स्ड प्राइस, ट्रेलिंग, मार्केट, और लिमिट स्टॉप-लॉस शामिल हैं।
- फिक्स्ड प्राइस स्टॉप-लॉस
स्टॉप-लॉस को एक निश्चित प्राइस पर सेट किया जाता है, जिससे स्टॉक उस प्राइस पर पहुंचते ही बेच दिया जाता है।
- ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस
यह स्टॉप-लॉस ऑर्डर स्टॉक की कीमत के अनुसार खुद को समायोजित करता है, जिससे लाभ संरक्षित रहते हैं और नुकसान सीमित होता है।
- मार्केट स्टॉप-लॉस
यह स्टॉप-लॉस ऑर्डर बाजार मूल्य पर सक्रिय होता है और तुरंत लागू होता है, चाहे कीमत कितनी भी हो।
- लिमिट स्टॉप-लॉस
इसमें स्टॉप प्राइस और लिमिट प्राइस दोनों सेट किए जाते हैं। यह केवल तब सक्रिय होता है जब स्टॉप प्राइस ट्रिगर हो और लिमिट प्राइस पर स्टॉक बेचा जा सके।
स्टॉप-लॉस की गणना कैसे करें?
स्टॉप-लॉस की गणना करने के लिए, निवेशक को अपनी जोखिम सहने की क्षमता और स्टॉक के खरीद मूल्य पर विचार करना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹1,000 पर एक स्टॉक खरीदा और 5% का जोखिम तय किया, तो आपका स्टॉप-लॉस ₹950 पर सेट होगा।
गणना का फॉर्मूला है:
स्टॉप-लॉस मूल्य = खरीद मूल्य − (खरीद मूल्य × निश्चित जोखिम प्रतिशत)
इस प्रक्रिया से निवेशक संभावित नुकसान को सीमित कर सकते हैं और जोखिम प्रबंधन में सहायता प्राप्त करते हैं।
स्टॉप-लॉस के लाभ – Stop Loss Benefits In Hindi
स्टॉप-लॉस का मुख्य लाभ यह है कि यह निवेशकों को बड़े नुकसान से बचाने और उनकी ट्रेडिंग रणनीतियों को व्यवस्थित रूप से लागू करने में मदद करता है। यह जोखिम प्रबंधन और ट्रेडिंग अनुशासन को भी बढ़ावा देता है।
- नुकसान की सीमा तय करना
स्टॉप-लॉस बड़े नुकसान को सीमित करता है, जिससे निवेशक की पूंजी सुरक्षित रहती है और बाजार की अनिश्चितताओं का प्रभाव कम होता है।
- भावनात्मक निर्णय से बचाव
स्वचालित ऑर्डर होने के कारण स्टॉप-लॉस निवेशकों को भावनात्मक निर्णय लेने से रोकता है, जिससे ट्रेडिंग अधिक तर्कसंगत और नियंत्रित होती है।
- जोखिम प्रबंधन में सहायक
यह निवेशकों को उनके जोखिम को प्रबंधित करने में मदद करता है। जोखिम की सीमा तय करके, ट्रेडिंग सुरक्षित और प्रभावी बनती है।
- व्यवस्थित ट्रेडिंग रणनीति
स्टॉप-लॉस निवेशकों को ट्रेडिंग में अनुशासन बनाए रखने और एक व्यवस्थित रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे दीर्घकालिक सफलता की संभावना बढ़ती है।
स्टॉप-लॉस ऑर्डर्स के नुकसान – Disadvantages Of Stop-Loss Orders In Hindi
स्टॉप-लॉस ऑर्डर्स का मुख्य नुकसान यह है कि ये बाजार की अचानक कीमतों में उतार-चढ़ाव से अनावश्यक रूप से ट्रिगर हो सकते हैं। इससे निवेशक को स्टॉक्स जल्दी बेचने और संभावित लाभ खोने का जोखिम होता है।
- मूल्य में अचानक उतार-चढ़ाव का जोखिम
बाजार में कीमतों में अचानक बदलाव से स्टॉप-लॉस ऑर्डर ट्रिगर हो सकता है, जिससे निवेशकों को अनावश्यक रूप से स्टॉक्स बेचना पड़ सकता है।
- गलत स्टॉप-लॉस सेट करना
अगर स्टॉप-लॉस स्तर सही ढंग से सेट नहीं किया गया, तो यह निवेशक को संभावित लाभ खोने या अनावश्यक नुकसान का कारण बन सकता है।
- बाजार की अस्थिरता का प्रभाव
बाजार में उच्च अस्थिरता के समय स्टॉप-लॉस ऑर्डर बार-बार ट्रिगर हो सकता है, जिससे निवेशकों को बार-बार लेनदेन करना पड़ता है।
- भावनात्मक निर्णय का जोखिम
स्टॉप-लॉस सेट करने में गलत फैसले और अनुचित जोखिम मूल्यांकन के कारण निवेशक अपनी ट्रेडिंग रणनीति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
स्टॉप-लॉस और ट्रेडिंग वॉल्यूम का प्रभाव – Effect Of Trading Volume On Stop-Loss
स्टॉप-लॉस और ट्रेडिंग वॉल्यूम के बीच सीधा संबंध है। उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम स्टॉप-लॉस के प्रभावी निष्पादन को सुनिश्चित करता है, जिससे निवेशकों को स्टॉक्स सही मूल्य पर बेचने का मौका मिलता है और स्लिपेज का जोखिम कम हो जाता है।
हालांकि, कम ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले स्टॉक्स में स्टॉप-लॉस सेट करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कीमतों की कमी और तरलता की कमी के कारण स्टॉप-लॉस ऑर्डर सही समय पर निष्पादित नहीं हो सकता, जिससे निवेशक को नुकसान हो सकता है।
लिमिट ऑर्डर और स्टॉप लॉस के बीच अंतर – Difference Between Limit Order And Stop Loss In Hindi
लिमिट ऑर्डर और स्टॉप लॉस के बीच मुख्य अंतर यह है कि लिमिट ऑर्डर का उपयोग बेहतर कीमत पर खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है, जबकि स्टॉप लॉस का उद्देश्य नुकसान को सीमित करना है।
पैरामीटर | लिमिट ऑर्डर (Limit Order) | स्टॉप लॉस (Stop Loss) |
उद्देश्य | बेहतर कीमत पर खरीदने या बेचने के लिए उपयोग होता है। | नुकसान को सीमित करने के लिए उपयोग किया जाता है। |
प्राइस सेटिंग | निश्चित सीमा मूल्य (Limit Price) तय किया जाता है। | ट्रिगर प्राइस (Trigger Price) तय किया जाता है। |
निष्पादन का प्रकार | केवल उस प्राइस पर ऑर्डर निष्पादित होता है। | ट्रिगर प्राइस पर ऑर्डर सक्रिय होकर बाजार मूल्य पर निष्पादित होता है। |
उपयोगकर्ता प्रकार | लाभ कमाने के लिए ट्रेडर्स इसका उपयोग करते हैं। | जोखिम प्रबंधन के लिए निवेशकों द्वारा उपयोग किया जाता है। |
प्रमुख लाभ | तय प्राइस पर ट्रेडिंग सुनिश्चित करता है। | नुकसान को नियंत्रित और सीमित करता है। |
शेयर बाजार में स्टॉप लॉस के बारे में संक्षिप्त सारांश
- स्टॉप लॉस एक ऑटोमेटेड ऑर्डर है जो नुकसान सीमित करने के लिए सेट किया जाता है। स्टॉक की कीमत पूर्व-निर्धारित स्तर तक पहुंचने पर यह ऑर्डर सक्रिय हो जाता है।
- स्टॉप लॉस एक ट्रेडिंग टूल है, जो बाजार की अचानक गिरावट के समय निवेशकों के नुकसान को सीमित करने और उनकी पूंजी सुरक्षित रखने में मदद करता है।
- स्टॉप लॉस में स्टॉक का मूल्य तय स्तर तक गिरने पर ऑर्डर सक्रिय हो जाता है। उदाहरण: ₹500 पर खरीदा स्टॉक ₹450 पर स्टॉप लॉस के साथ बेचा जाता है।
- स्टॉप-लॉस लगाने के लिए ब्रोकर प्लेटफॉर्म पर स्टॉक का चयन करें और प्राइस लेवल सेट करें। यह नुकसान को सीमित करने और ट्रेडिंग में अनुशासन बनाए रखने में मदद करता है।
- स्टॉप लॉस का मुख्य महत्व यह है कि यह ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह बड़े नुकसान से बचाता है और निवेशकों को अनुशासित ट्रेडिंग रणनीति अपनाने में सहायता करता है।
- स्टॉप-लॉस ऑर्डर्स फिक्स्ड प्राइस, ट्रेलिंग, मार्केट, और लिमिट प्रकार के होते हैं। ये सभी ट्रेडिंग में जोखिम को प्रबंधित करने और नुकसान को सीमित करने में सहायक हैं।
- स्टॉप लॉस का मुख्य लाभ यह है कि यह नुकसान को सीमित करता है। यह जोखिम प्रबंधन को बढ़ावा देता है, भावनात्मक निर्णयों को रोकता है और अनुशासित ट्रेडिंग रणनीतियों को विकसित करने में मदद करता है।
- स्टॉप-लॉस ऑर्डर्स का मुख्य नुकसान यह है कि ये अचानक कीमतों में उतार-चढ़ाव से अनावश्यक ट्रिगर हो सकते हैं, जिससे निवेशकों को बार-बार लेनदेन करने की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
- उच्च वॉल्यूम स्टॉप-लॉस के प्रभावी निष्पादन को सुनिश्चित करता है। कम वॉल्यूम वाले स्टॉक्स में स्टॉप-लॉस सेट करने में तरलता की कमी से समस्याएं हो सकती हैं।
- लिमिट ऑर्डर और स्टॉप लॉस के बीच मुख्य अंतर यह है कि लिमिट ऑर्डर बेहतर कीमत सुनिश्चित करता है, जबकि स्टॉप लॉस नुकसान को सीमित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
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स्टॉप लॉस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ट्रेडिंग में स्टॉप-लॉस का अर्थ है एक प्राइस लेवल सेट करना, जिस पर स्टॉक स्वचालित रूप से बेचा जाता है, ताकि नुकसान सीमित हो और जोखिम प्रबंधन में सहायता मिल सके।
मान लीजिए आपने ₹1,000 पर एक स्टॉक खरीदा और ₹950 पर स्टॉप-लॉस सेट किया। यदि कीमत ₹950 तक गिरती है, तो स्टॉक स्वचालित रूप से बेचा जाएगा।
स्टॉप-लॉस नियमों में जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार प्राइस लेवल सेट करना, सही प्रकार का स्टॉप-लॉस चुनना (फिक्स्ड, ट्रेलिंग) और बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखना शामिल है।
स्टॉप-लॉस मूल्य = खरीद मूल्य − (खरीद मूल्य × निश्चित जोखिम प्रतिशत)। उदाहरण: ₹1,000 पर स्टॉक खरीदने और 5% जोखिम पर स्टॉप-लॉस ₹950 होगा।क्या स्टॉप-लॉस का उपयोग ETFs के लिए किया जा सकता है?
हां, स्टॉप-लॉस का उपयोग ETFs के लिए किया जा सकता है। यह निवेशकों को बाजार की अस्थिरता के दौरान नुकसान को सीमित करने और जोखिम प्रबंधन में मदद करता है।
स्टॉप-लॉस कानूनी है क्योंकि यह सेबी द्वारा अनुमोदित ट्रेडिंग टूल है। यह निवेशकों को जोखिम सीमित करने और उनकी पूंजी सुरक्षित रखने के लिए एक मान्यता प्राप्त विधि प्रदान करता है।
स्टॉप-लॉस के लिए न्यूनतम मूल्य जोखिम सहने की क्षमता और स्टॉक की अस्थिरता पर निर्भर करता है। आमतौर पर यह खरीद मूल्य का 5-10% होता है।
हां, स्टॉप-लॉस खरीद ऑर्डर को ट्रिगर कर सकता है जब एक प्राइस लेवल सेट किया गया हो, ताकि स्टॉक को भविष्य में संभावित लाभ के लिए खरीदा जा सके।
हां, स्टॉप-लॉस एक अच्छा विचार है क्योंकि यह जोखिम प्रबंधन को सरल बनाता है, नुकसान सीमित करता है, और निवेशकों को भावनात्मक निर्णयों से बचाने में मदद करता है।
स्टॉप-लॉस का उपयोग तब करें जब बाजार में अस्थिरता अधिक हो, स्टॉक की कीमत गिरने का जोखिम हो, या अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने की आवश्यकता हो।
विषय को समझने के लिए और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, नीचे दिए गए संबंधित स्टॉक मार्केट लेखों को अवश्य पढ़ें।
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